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एनडीए उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा की तैयारी

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि एनडीए उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा 12 अगस्त को करेगा। यह बैठक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हुई, जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। एनडीए ने मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए प्रशिक्षण सत्रों की योजना बनाई है। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक में और क्या चर्चा हुई।
 

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की बैठक

गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार का चयन करेंगे, जिसकी घोषणा 12 अगस्त को होने की संभावना है। यह बयान संसद भवन में एनडीए के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद आया।


बैठक का संदर्भ

यह बैठक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के कुछ दिन बाद आयोजित की गई, जिन्होंने मानसून सत्र के पहले दिन अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस बैठक में जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे, मिलिंद देवड़ा, प्रफुल्ल पटेल, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाह, राम मोहन, लल्लन सिंह, अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल और रामदास अठावले जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।


एनडीए की रणनीति

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के अलावा, बैठक में मतदान से पहले समन्वय और प्रशिक्षण पर भी चर्चा की गई। चूंकि चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होते हैं और पार्टी व्हिप जारी नहीं किया जा सकता, इसलिए गठबंधन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि सभी सांसद मतदान प्रक्रिया से अच्छी तरह परिचित हों ताकि अवैध मतों को रोका जा सके।


एनडीए की सतर्कता

हाल ही में सदन में हुए मतदान में मिली हार के बाद एनडीए ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। अनुशासन और एकजुटता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत प्रशिक्षण सत्रों की योजना बनाई जा रही है। बुधवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की, जिससे गठबंधन की संख्या में और वृद्धि हुई।


जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ का यह अप्रत्याशित इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद आया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने का उल्लेख किया।