एयर इंडिया की दुर्घटना में एक यात्री की चमत्कारी बचत की कहानी
दुर्घटना का विवरण
हाल ही में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक गंभीर घटना घटित हुई। इस विमान में 242 यात्री मौजूद थे, जिनमें से 241 की जान चली गई, जबकि एक यात्री, विश्वाश कुमार रमेश, ने चमत्कारिक रूप से अपनी जान बचा ली। वह सीट 11A पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकासी के निकट थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट पर बैठने से उनकी जीवित रहने की संभावना बढ़ गई।विशेषज्ञों के अनुसार, विमान के पिछले हिस्से में बैठने वाले यात्रियों के जीवित बचने की संभावना अधिक होती है। TIME मैगज़ीन द्वारा 2015 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, विमान के पिछले हिस्से में बैठने वाले यात्रियों की मृत्यु दर 28% थी, जबकि सामने के हिस्से में यह दर 38% थी। इसके अलावा, आपातकालीन निकासी के पास बैठने से भी जीवित रहने की संभावना में वृद्धि होती है।
विश्वाश कुमार रमेश ने बताया कि जब विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो वह मलबे में फंसे हुए थे और चारों ओर शव पड़े हुए थे। उन्होंने किसी तरह मलबे से बाहर निकलकर मदद मांगी और अस्पताल पहुंचे। उनकी इस अद्भुत बचत की कहानी ने सभी को चौंका दिया।
हालांकि, सीट 11A पर बैठने से उनकी जान बची, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि विमान दुर्घटनाओं में जीवित रहने की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे दुर्घटना की प्रकृति, सीट बेल्ट का उपयोग, और विमान की संरचना। इसलिए, कोई भी सीट पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होती।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि विमान यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आपातकालीन निकासी के रास्तों को जानना और सीट बेल्ट का सही उपयोग करना जीवन रक्षक साबित हो सकता है।