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ओडिशा में प्रवासी मजदूर की हत्या पर विवाद, इल्तिजा मुफ्ती ने उठाया सवाल

ओडिशा में एक बंगाली मुस्लिम प्रवासी मजदूर की हत्या ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत को 'लिंचिस्तान' कहा। इस हत्या के पीछे की कहानी और आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में जानें।
 

ओडिशा में हुई हत्या का मामला


नई दिल्ली: ओडिशा में एक बंगाली मुस्लिम प्रवासी श्रमिक की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें उसे बांग्लादेशी नागरिक समझा गया। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस घटना से बेहद नाराज हैं। उन्होंने भारत को 'लिंचिस्तान' कहकर एक विवाद खड़ा कर दिया।


इल्तिजा ने ट्वीट किया, "न भारत, न हिंदुस्तान। तेरा नाम लिंचिस्तान है," और इस ट्वीट में उन्होंने उस व्यक्ति की तस्वीर साझा की, जिसे पीट-पीटकर मारा गया था। मृतक पर संदेह था कि वह एक अवैध बांग्लादेशी प्रवासी था।




जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता अभिजीत जसरोटिया ने इल्तिजा पर हमला करते हुए कहा कि वह केवल मुसलमानों की लिंचिंग पर ही आक्रोश व्यक्त कर रही हैं, जबकि हिंदुओं के मामलों पर चुप्पी साधे हुए हैं।


घटना का विवरण

क्या हुआ?


संबलपुर जिले में 19 वर्षीय जुएल शेख की हत्या उस समय हुई जब एक सहकर्मी ने आरोप लगाया कि उन पर हमला पहचान पत्र की मांग से शुरू हुआ। यह घटना क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शांति नगर क्षेत्र में हुई, जहां शेख और अन्य प्रवासी श्रमिक एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे।


यह झड़प तब शुरू हुई जब छह लोगों ने प्रवासी श्रमिकों से बीड़ी मांगी और फिर आधार कार्ड दिखाने को कहा, जिसके बाद उन पर हमला किया गया। इस हमले में एक व्यक्ति की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए।


आरोपियों की गिरफ्तारी

छह आरोपी गिरफ्तार


पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के घायल श्रमिक मजहर खान ने बताया कि हमलावरों ने पहले उनसे बीड़ी मांगी और फिर आधार कार्ड दिखाने को कहा। खान ने कहा, "बदमाशों ने पहले हमसे बीड़ी मांगी और फिर आधार कार्ड दिखाने को कहा। इसके बाद उन्होंने जुएल शेख का सिर किसी कठोर वस्तु से टकरा दिया।" इस हत्या में शामिल सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।