ओवैसी ने 'आई लव मोहम्मद' पोस्टरों पर उठे विवाद पर दी प्रतिक्रिया
ओवैसी का बयान
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टरों को लेकर उठे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया कि आस्था की इस तरह की अभिव्यक्ति को भड़काऊ क्यों माना जा रहा है। ओवैसी ने बिहार के पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'यदि कोई 'आई लव महादेव' समूह है, तो इसमें क्या समस्या है? इसमें देश के खिलाफ क्या है? यह किस प्रकार की हिंसा को बढ़ावा देता है? यदि 'लव' शब्द है, तो किसी को समस्या क्यों हो रही है? हमें इन लोगों के लिए मुगल-ए-आजम का 'मोहब्बत जिंदाबाद' गाना बजाना चाहिए.'
धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला
ओवैसी ने संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लेख करते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा, 'इसमें राष्ट्र-विरोधी क्या है? इसका कौन सा हिस्सा हिंसा को बढ़ावा देता है? एक मुसलमान का ईमान तब तक पूरा नहीं होता जब तक वह दुनिया की हर चीज़ से ज्यादा पैगम्बर मुहम्मद से प्यार न करे। इस पर आपत्ति जताकर आप दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं?'
उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना
एआईएमआईएम नेता ने उत्तर प्रदेश सरकार की भी आलोचना की और उन पर चुनिंदा पाबंदियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में एडीजीपी कह रहे हैं कि नए पोस्टर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लेकिन 'हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर' या 'हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर' लिखने की अनुमति होगी। फिर ऐसा कानून बनाइए कि इस देश में कोई भी प्यार की बात न कर सके.'
विवाद का आरंभ
यह विवाद 9 सितंबर को शुरू हुआ जब कानपुर में पुलिस ने 4 सितंबर को बारावफात जुलूस के दौरान सड़क पर कथित तौर पर 'आई लव मोहम्मद' बोर्ड लगाने के लिए नौ लोगों और 15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। हिंदू समूहों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे नया चलन और जानबूझकर उकसाने वाला कदम बताया। ओवैसी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्टरों का बचाव करने के बाद इस मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि 'आई लव मुहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है.'