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कतर में इजरायली हवाई हमले के बाद अरब देशों में बढ़ी हलचल

इजरायल द्वारा कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर किए गए हवाई हमले ने खाड़ी क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है। कतर ने इस हमले को कायराना करार देते हुए एक आपातकालीन अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन का उद्देश्य हमले पर चर्चा करना और अरब देशों की सामूहिक प्रतिक्रिया तय करना है। इस बीच, इजरायली प्रधानमंत्री ने कतर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आतंकियों को आश्रय देने वाले देशों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जानें इस घटनाक्रम का क्या असर होगा।
 

इजरायल का हवाई हमला और कतर की प्रतिक्रिया

दोहा/यरुशलम: इजरायल द्वारा कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर किए गए हवाई हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में हलचल बढ़ गई है। कतर ने रविवार और सोमवार को एक आपातकालीन अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन का उद्देश्य दोहा पर हुए हमले पर चर्चा करना और अरब देशों की सामूहिक प्रतिक्रिया तय करना है।


कतर ने हमले को बताया “कायराना”
कतर ने इस हमले को हमास नेताओं के आवासीय कार्यालयों को निशाना बनाने वाला कायरतापूर्ण हमला करार दिया। इजरायली सेना ने शिन बेट (इजरायल सुरक्षा एजेंसी) के सहयोग से इस हमले की जिम्मेदारी ली। हमास ने पुष्टि की कि उसका वार्ता प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व खलील अल-हय्या कर रहे थे, हत्या के प्रयास से बच गया। हालांकि, संगठन के कई सदस्य, जिनमें हय्या का बेटा, तीन अंगरक्षक और उनका कार्यालय प्रमुख शामिल थे, मारे गए। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि इस हमले ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू द्वारा गाजा में बंधकों की रिहाई की सभी उम्मीदें समाप्त कर दी हैं। उन्होंने यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी उपस्थिति से पहले दिया। शेख मोहम्मद ने बताया कि हमले से कुछ घंटे पहले ही वे एक बंधक परिवार से मिले थे, जिनकी सारी उम्मीदें संघर्षविराम और मध्यस्थता पर टिकी थीं।


कतर और मिस्र लंबे समय से गाजा में संघर्षविराम और बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं। अमेरिका के आग्रह पर हमास नेतृत्व को दोहा में शरण दी गई थी ताकि बातचीत का रास्ता खुला रहे। लेकिन इस हमले के बाद कतर की भूमिका और बंधकों की रिहाई की संभावनाएं संदिग्ध हो गई हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीधे तौर पर कतर के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन कहा कि “अगर कोई देश आतंकियों को आश्रय देता है, तो उसे या तो उन्हें बाहर निकालना चाहिए या न्याय के कटघरे में लाना चाहिए, अन्यथा हम कार्रवाई करेंगे।” उनकी यह टिप्पणी उस समय आई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर को भरोसा दिलाया था कि उसकी धरती पर दोबारा हमले नहीं होंगे।


गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक जारी युद्ध में 64,600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे महिलाएं और बच्चे हैं। यह युद्ध उस समय शुरू हुआ था जब हमास ने दक्षिणी इजरायल में हमला कर 1200 लोगों की हत्या की थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया था। वर्तमान में अनुमान है कि हमास की कैद में 48 बंधक अब भी हैं, जिनमें से लगभग 20 जीवित हैं।