कनाडा में पीएम मोदी के दौरे पर खालिस्तानी विरोध: क्या है असली वजह?
खालिस्तानी गतिविधियों का नया मोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। अल्बर्टा के कनानास्किस में इन समर्थकों ने मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह विरोध तब हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में कनाडा पहुंचे।
द्विपक्षीय वार्ताओं से पहले का तनाव
इस दौरे के दौरान, मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं। इसके अलावा, वे जी-7 शिखर सम्मेलन में जर्मनी, इटली और यूक्रेन के प्रधानमंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। लेकिन इससे पहले ही खालिस्तानी तत्वों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उग्र नारेबाजी और झंडे का अपमान
कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन के अनुसार, मोदी की यात्रा से पहले कैलगरी में एक समूह ने भारत विरोधी प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने भारतीय तिरंगे को फाड़ा और उस पर पैर रखा। प्रदर्शन के दौरान तीन अलग-अलग माइक्रोफोन पर लोग चिल्ला रहे थे, जिससे माहौल अराजक हो गया।
भारत के विभाजन की मांग
प्रदर्शनकारियों ने 'भारत के बाल्कनीकरण' की मांग की, जो भारत को टुकड़ों में बांटने का संकेत देती है। यह मांग न केवल भारत की संप्रभुता पर हमला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ दुर्भावना को बढ़ावा देने का प्रयास भी है।
पत्रकारों पर हमले की घटनाएं
एक अन्य पत्रकार मोचा बेजिरगन ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' ने मोदी की राजनीति को समाप्त करने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि वैंकूवर में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया और धमकी दी जब वे एक रैली को कवर कर रहे थे।
सिख समुदाय की प्रतिक्रिया
पटना साहिब गुरुद्वारा तख्त के प्रवक्ता सुदीप सिंह ने इन प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस तरह के राजनीतिक एजेंडे में शामिल करना निंदनीय है। सिख समुदाय के कई हिस्सों ने भी इन कट्टरपंथी गतिविधियों से दूरी बनाई है।
खालिस्तानी प्रभाव में कमी का दावा
बोर्डमैन के अनुसार, कनाडा में खालिस्तानी प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्नी के नेतृत्व में आर्थिक मुद्दों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे चरमपंथी समूहों का प्रभाव सीमित हो रहा है।
भारत-कनाडा संबंधों में खटास
भारत ने लंबे समय से कनाडा की ओर से खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई पर चिंता जताई है। हाल के दिनों में दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है, खासकर जब कनाडा ने भारत पर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।