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कन्हैया कुमार की रथ पर चढ़ने की कोशिश ने बिहार की राजनीति में मचाई हलचल

कन्हैया कुमार की रथ पर चढ़ने की कोशिश ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। महागठबंधन द्वारा आयोजित बिहार बंद के दौरान हुई इस घटना ने कांग्रेस के अंदरूनी विवादों को उजागर किया है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में।
 

बिहार बंद के दौरान कन्हैया कुमार की घटना

कन्हैया कुमार, जो विश्वविद्यालय की राजनीति से उभरे एक युवा नेता हैं, ने कम समय में ही भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई है। वामपंथी दलों से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने के बाद, वह अब बिहार में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में से एक बन चुके हैं। हाल ही में, बिहार में मतदाता सूचियों की समीक्षा के खिलाफ महागठबंधन द्वारा आयोजित बिहार बंद के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना हुई।


इस बंद के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में एक मार्च निकाला गया। इस मार्च में कन्हैया कुमार ने उस रथ पर चढ़ने का प्रयास किया, जिस पर राहुल गांधी खड़े थे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब कन्हैया ने रथ पर चढ़ने की कोशिश की, तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस रथ पर राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश साहनी और अन्य विपक्षी नेता भी मौजूद थे।


कांग्रेस के एक प्रमुख नेता होने के बावजूद, कन्हैया कुमार को राहुल गांधी के साथ रथ पर चढ़ने से रोके जाने की घटना ने बिहार की राजनीतिक हलचलों को जन्म दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह घटना कांग्रेस के अंदरूनी विवादों का परिणाम हो सकती है, जबकि अन्य इसे सुरक्षा कारणों से लिया गया निर्णय मानते हैं। हालांकि, इस घटना पर कन्हैया कुमार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।


इस घटना ने महागठबंधन की अंदरूनी कलह को उजागर किया है, जो बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस स्थिति को कैसे संभालती है और बिहार में महागठबंधन को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाती है।