कन्हैया कुमार ने सुपौल में सामाजिक न्याय यात्रा के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना की
सामाजिक न्याय यात्रा का आयोजन
Kanhaiya Kumar: कांग्रेस ने सुपौल में सामाजिक न्याय यात्रा के तहत एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कन्हैया कुमार और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम शामिल हुए। इस कार्यक्रम में कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश अब नेताओं के हाथ में नहीं, बल्कि डीलरों के हाथ में है, जो देश की संपत्तियों का सौदा कर रहे हैं।
कन्हैया कुमार की बातें
कन्हैया कुमार ने क्या कहा?
कन्हैया कुमार ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता लाना है। उन्होंने वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि आज हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। कुंभ में भगदड़, ट्रेन में दुर्घटनाएं, सड़क पर हादसे और हवाई यात्रा में जान का खतरा है। इसके बावजूद कुछ लोग यह मानते हैं कि देश सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने निजीकरण पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज ट्रेनें और प्लेन बिक रहे हैं, और देश की संपत्ति कुछ खास मित्रों को बहुत कम कीमत पर बेची जा रही है।
चुनावों पर कन्हैया का दृष्टिकोण
कन्हैया ने कहा कि चुनावों की चर्चा गलत दिशा में जा रही है। सभी पूछते हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, जबकि असली सवाल यह होना चाहिए कि क्या हमारे लिए स्कूल, अस्पताल और सड़कें बनेंगी? अगर ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कौन बने, इससे क्या फर्क पड़ता है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए आह्वान
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से किया ये आह्वान
कन्हैया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सुपौल की सभी विधानसभा सीटों के साथ-साथ बिहार की 243 सीटों पर सामाजिक परिवर्तन का बिगुल बजाएं। उन्होंने कहा, 'हमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन उम्मीदवार है या चुनाव चिन्ह क्या है। हमें यह देखना है कि इस देश में संघर्ष चल रहा है, अन्याय बनाम न्याय का।'
आर्थिक नीतियों पर सवाल
कन्हैया ने देश की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों से टैक्स वसूलती है और अमीरों का कर्ज माफ कर देती है। बड़े उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है, जबकि गरीबों को बताया जाता है कि सड़कें बनाने के लिए पैसे नहीं हैं, अस्पतालों के लिए फंड नहीं है, और शिक्षा तथा रोजगार के लिए बजट नहीं है।