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करोल क्रिस्टिन फेयर का ट्रंप पर गुस्सा: लाइव इंटरव्यू में दिया विवादित बयान

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर करोल क्रिस्टिन फेयर ने एक लाइव इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने ट्रंप को हिंदी में अपशब्द कहा, जिससे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। करोल ने ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को उनके साथ चार साल बिताने होंगे। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और करोल की बेबाक राय के बारे में।
 

ट्रंप के कार्यकाल पर नाराजगी

जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक करोल क्रिस्टिन फेयर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। एक लाइव इंटरव्यू के दौरान, उन्होंने ट्रंप को हिंदी में अपशब्द कह दिया। यह घटना तब हुई जब वह पाकिस्तानी-ब्रिटिश पत्रकार मोईद पीरजादा के साथ बातचीत कर रही थीं।


छह महीने की निराशा

करोल ने कहा कि वह इस विचार से परेशान हैं कि अमेरिका को ट्रंप के साथ चार साल बिताने होंगे। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिससे लोगों की विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आईं।


लाइव इंटरव्यू में गुस्सा

इंटरव्यू के दौरान, करोल ने कहा, "मेरे अंदर का आशावादी यह मानता है कि नौकरशाही इसे संभाल लेगी, लेकिन निराशावादी कहता है कि हमें इस Ch***ya के साथ चार साल बिताने हैं।" इस पर मोईद पीरजादा हंस पड़े और कहा कि यह शब्द उर्दू में अक्सर इस्तेमाल होता है।




लाइसेंस प्लेट पर भी वही शब्द

करोल ने यह भी बताया कि उनकी कार की लाइसेंस प्लेट पर भी वही शब्द लिखा है। उनकी इस बेबाकी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी और लोगों की प्रतिक्रियाएं आईं।


ट्रंप प्रशासन की आलोचना

करोल ने ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वह प्रशासन के अधिकारियों की विशेषज्ञता पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नौकरशाही ने पिछले 25 वर्षों में विदेश नीति को मजबूत किया है, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। विदेश विभाग के हजारों कर्मचारियों के हटने से अनुभव और विशेषज्ञता का गंभीर नुकसान हुआ है।


करोल क्रिस्टिन फेयर का परिचय

करोल क्रिस्टिन फेयर एक प्रमुख राजनीतिक वैज्ञानिक हैं, जो जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। वह दक्षिण एशिया की राजनीति और सैन्य मामलों की विशेषज्ञ मानी जाती हैं। उन्होंने RAND कॉर्पोरेशन, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र और यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ काम किया है। उनकी बेबाक राय और विवादास्पद टिप्पणियों के कारण वह अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।