कर्नाटक कांग्रेस में बढ़ती दरारें: राहुल गांधी के बयान पर उठे सवाल
कर्नाटक में कांग्रेस में दरारें
कर्नाटक समाचार: कर्नाटक की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से दरारें उभरने लगी हैं। इसका कारण पूर्व सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का हालिया बयान है, जिसमें उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट चोरी और चुनाव आयोग की पक्षपाती भूमिका पर सवाल उठाए थे। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना, जो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं, ने राहुल के इस बयान पर सवाल उठाए हैं।
राजन्ना ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब मतदाता सूची में गड़बड़ी हो रही थी, तब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा, 'मतदाता सूची का संशोधन हमारी सरकार के दौरान हुआ, तब हमने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करते समय आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया था। विशेष रूप से महादेवपुरा में कई धांधली के मामले थे, लेकिन उस समय हम चुप रहे, अब चुनाव हारने के बाद बातें कर रहे हैं।'
डिप्टी सीएम की नाराजगी
डिप्टी सीएम हुए नाराज
राजन्ना के इस बयान ने डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के समर्थकों को नाराज कर दिया। उनका आरोप है कि ऐसे बयान पार्टी के हित में नहीं हैं और इससे बीजेपी को लाभ होगा। उन्होंने इसे पार्टी हाईकमान तक ले जाने की चेतावनी दी है। कुनिगल के कांग्रेस विधायक एच.डी. रंगनाथ ने कहा, 'जब सरकार खुद 'वोट चोरी' के मामले की जांच करवा रही है और एडवोकेट जनरल से रिपोर्ट मांग रही है, तब अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ बोलना माफी के काबिल नहीं है।'
राहुल गांधी पर बीजेपी का तंज
राहुल गांधी पर कसा तंज
इस बीच, बीजेपी नेता और पूर्व महादेवपुरा विधायक अरविंद लिम्बावली ने राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, 'अब तो राहुल की आंखें खुल जानी चाहिए, क्योंकि उनकी ही पार्टी के नेता हमारी बात दोहरा रहे हैं।' लिम्बावली ने दावा किया कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर नई दिल्ली में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन देंगे।
दिलचस्प बात यह है कि जब बीजेपी नेता मतदाता सूची की गड़बड़ी पर चर्चा कर रहे थे, तो उन्होंने डी.के. शिवकुमार की कनकपुरा सीट का नाम नहीं लिया, बल्कि सीएम सिद्धारमैया की वरुणा सीट और उनके समर्थकों के कब्जे वाली कई सीटों जैसे चामराजपेट, गंधीनगर, सांडूर और बीटीएम लेआउट का उल्लेख किया।
कुल मिलाकर, कर्नाटक कांग्रेस में यह विवाद केवल 'वोट चोरी' तक सीमित नहीं है, बल्कि सिद्धारमैया और शिवकुमार गुट के बीच सीएम पद को लेकर चल रही अंदरूनी जंग का भी हिस्सा माना जा रहा है।