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कर्नाटक की राजनीति में हलचल: क्या डी.के. शिवकुमार बनेंगे मुख्यमंत्री?

कर्नाटक की राजनीति में हाल ही में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस विधायक एच. डी. रंगनाथ ने उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जताई है, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने कार्यकाल को पूरा करने का आश्वासन दिया है। क्या नवंबर में सत्ता परिवर्तन होगा? जानें इस राजनीतिक हलचल के पीछे की पूरी कहानी और क्या है नेताओं की राय।
 

कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की चर्चाएं

Karnataka Politics : कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं पर चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस के कुनिगल से विधायक एच. डी. रंगनाथ के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बारे में दिए गए बयान ने इस विषय को और अधिक गर्म कर दिया है। रंगनाथ ने खुलकर कहा कि वे एक दिन शिवकुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।


रंगनाथ की शिवकुमार की प्रशंसा

डी.के. शिवकुमार की तारीफ में बोले विधायक रंगनाथ
कांग्रेस विधायक एच. डी. रंगनाथ ने शिवकुमार को अपना राजनीतिक मार्गदर्शक मानते हुए कहा कि उन्होंने न केवल सामाजिक कार्य किए हैं, बल्कि प्रशासनिक कुशलता भी दिखाई है। उनका मानना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत में शिवकुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। रंगनाथ ने कहा कि शिवकुमार की मेहनत से पार्टी को 224 में से 140 सीटें मिलीं और हाईकमान को उन्हें उचित सम्मान देना चाहिए।


भावनात्मक बयान

शिवकुमार को लेकर भावनात्मक बयान
रंगनाथ, जो शिवकुमार के रिश्तेदार भी हैं, ने कहा कि जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि शिवकुमार भविष्य में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने शिवकुमार की दिनचर्या का उल्लेख करते हुए कहा कि सुबह 8 बजे से रात 3 बजे तक काम करने वाला नेता बिरला ही होता है। उनके अनुसार, शिवकुमार के पास जनता का प्यार, हाईकमान का विश्वास और भगवान का आशीर्वाद तीनों हैं।


हाईकमान का निर्णय

समय का निर्धारण हाईकमान के अधीन
जब रंगनाथ से पूछा गया कि शिवकुमार कब मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उनके स्तर का नहीं है। यह पूरी तरह से पार्टी हाईकमान का अधिकार है और वही सही समय पर निर्णय करेगा।


सीएम सिद्धारमैया की सराहना

सीएम सिद्धारमैया की भी प्रशंसा
रंगनाथ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की भी सराहना की और कहा कि उन्होंने गरीबों के लिए जो पांच गारंटी योजनाएं लागू की हैं, वे पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन गई हैं। फिर भी, उन्होंने दोहराया कि भविष्य में डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनते देखना उनकी स्वाभाविक इच्छा है।


नवंबर में सत्ता परिवर्तन की अटकलें

नवंबर में सत्ता परिवर्तन की अटकलें
पूर्व सांसद एल. आर. शिवरामे गौड़ा ने भी रंगनाथ की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि डी.के. शिवकुमार के भविष्य को लेकर कोई संदेह नहीं है। उन्होंने दावा किया कि नवंबर में सत्ता परिवर्तन संभव है, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा ही लिया जाएगा।


सिद्धारमैया का स्पष्ट बयान

“मैं पांच साल का कार्यकाल पूरा करूंगा”
इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि नवंबर में उनके ढाई साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि नेतृत्व बदला जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि वे अगले वर्ष भी मैसूर दशहरा में भाग लेंगे और अपनी परंपरा को निभाते रहेंगे।


सत्ता परिवर्तन पर बयानों से परहेज

सत्ता परिवर्तन पर बयानों से परहेज
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ताकीद की थी कि वे सत्ता परिवर्तन को लेकर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी न करें। कुछ नेताओं को इस तरह की बयानबाजी के लिए कारण बताओ नोटिस भी भेजे जा चुके हैं।


पावर शेयरिंग मॉडल की चर्चा

पावर शेयरिंग मॉडल की चर्चा फिर तेज
पिछले कुछ समय से कांग्रेस के भीतर यह चर्चा रही है कि कर्नाटक में पावर शेयरिंग फॉर्मूला लागू किया गया है, जिसके अनुसार सिद्धारमैया ढाई साल और डी.के. शिवकुमार अगले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे। चूंकि नवंबर में सिद्धारमैया का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है, ऐसे में एक बार फिर इस फॉर्मूले की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.


राजनीति में हलचल

सत्ता परिवर्तन की अटकलों से राजनीति तेज
कर्नाटक की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की अटकलें फिर से गर्म हो चुकी हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से कांग्रेस नेतृत्व ने कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन नेताओं की बयानबाजी और भीतरखाने की हलचलें इस ओर इशारा कर रही हैं कि आने वाले समय में कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है.