कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें: डी.के. शिवकुमार का इशारा
बेंगलुरु में शिवकुमार का बयान
बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आगामी बदलाव के लिए तैयार रहने की अपील की है, जिससे नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर से तेज हो गई हैं। हासन में एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ मंच साझा करते हुए उन्होंने यह बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलचलों को जन्म दिया है।
एकता का संदेश, लेकिन अंदरूनी तनाव
यह टिप्पणी उस समय आई है जब शिवकुमार और सिद्धारमैया ने हाल ही में एक-दूसरे के घर जाकर नाश्ता किया, जिससे एकता का संदेश देने की कोशिश की गई। पार्टी नेतृत्व भी दोनों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के प्रयास में जुटा है।
बदलाव की आवश्यकता का संकेत
हासन में आयोजित सरकारी सेवाओं के समर्पण सम्मेलन में शिवकुमार ने कहा कि हमें राज्य को नई दिशा देने के लिए बदलाव की तैयारी करनी चाहिए। उनके शब्दों ने कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को यह संकेत दिया कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर स्थिति अभी भी स्थिर नहीं है।
सिद्धारमैया का जवाब
खाई बनी हुई है
हालांकि, दोनों नेताओं के बीच तनाव कई महीनों से बना हुआ है। 2023 विधानसभा चुनावों के बाद, दोनों के बीच सत्ता-साझेदारी को लेकर चर्चा हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री पद साझा करने की बात की गई थी। अब शिवकुमार के समर्थक नेतृत्व परिवर्तन की ओर देख रहे हैं।
दिल्ली में सियासी हलचल
दिल्ली में हुई बैठकों और सोशल मीडिया पर बयानों ने विवाद को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व ही करेगा।
27 नवंबर को शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, "शब्द शक्ति ही विश्व शक्ति है। अपनी बात पर कायम रहना दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है।" इस पोस्ट को उनके मुख्यमंत्री पद के दावे के रूप में देखा गया। सिद्धारमैया ने जवाब में कहा, "शब्द तब तक शक्ति नहीं है, जब तक वे लोगों का जीवन बेहतर न बनाए।"
सिद्धारमैया का स्पष्ट बयान
वादों को निभाने का दावा
हासन में कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे बिना सोचे-समझे वादे नहीं करते और जो भी वादा करते हैं, उसे निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अपने वादों को पूरा करने में सबसे अधिक सफलता हासिल की है।