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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की आहट: क्या बनेंगे डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री?

कर्नाटक की राजनीति में हाल ही में उठापटक के बीच, बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष के संकेत दिए हैं। विजयेंद्र का कहना है कि कांग्रेस के विधायक अक्टूबर-नवंबर में 'क्रांति' की बात कर रहे हैं, जबकि बीजेपी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। क्या नवंबर तक डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे? जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे की सच्चाई और कांग्रेस के भीतर संभावित बदलावों के बारे में।
 

कर्नाटक में राजनीतिक बदलाव की संभावना

Karnataka CM change News : कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने बिहार विधानसभा चुनावों के बाद राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में नेतृत्व को लेकर काफी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष के संकेत दिए हैं, यह बताते हुए कि दोनों नेता अपनी ताकत दिखाने में लगे हुए हैं.


सत्ता संघर्ष में दोनों नेता


विजयेंद्र ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के विधायक और मंत्री अक्टूबर-नवंबर में 'क्रांति' की बात कर रहे हैं, जबकि बीजेपी ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के उस निर्देश का उल्लेख किया जिसमें पार्टी नेताओं को नेतृत्व परिवर्तन पर सार्वजनिक बयान न देने के लिए कहा गया था। विजयेंद्र ने यह भी कहा कि कांग्रेस हाईकमान की चुप्पी इस बात का संकेत है कि नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.


नवंबर तक बन सकते हैं डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री


सत्ता संघर्ष की अटकलें तब और बढ़ गईं जब कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ और पूर्व सांसद एलआर शिवरामे गौड़ा ने दावा किया कि नवंबर तक डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बन जाएंगे। हालांकि, सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले कार्यकाल में उन्होंने ढाई साल तक सरकार चलाई थी और इस बार भी पूरे पांच साल की योजना है.


कांग्रेस सरकार पर आरोप


बीजेपी नेता विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार को किसान और गरीब विरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि राज्य में विकास कार्य ठप हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भले ही बीजेपी की ताकत घटकर 63 सीटें रह गई हों, लेकिन पार्टी एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी और राज्य की समस्याओं के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराएगी.


सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच खींचतान


राज्य की राजनीति में यह चर्चा लंबे समय से चल रही है कि मई 2023 में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच खींचतान थी। पार्टी ने समझौते के तहत शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन यह भी अफवाह थी कि दोनों के बीच रोटेशनल मुख्यमंत्री फॉर्मूला तय हुआ है, जिसके अनुसार शिवकुमार को ढाई साल बाद सत्ता सौंपी जाएगी। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने इस समझौते की कभी सार्वजनिक पुष्टि नहीं की.


इन सभी घटनाओं ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में अस्थिरता और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हवा दे दी है। अब सभी की निगाहें बिहार चुनावों के बाद कांग्रेस के भीतर संभावित बदलावों पर टिकी हैं.