×

कर्नाटक में मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा: राजनीतिक हलचल

कर्नाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है जब सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मतदाता सूची में अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। इस इस्तीफे ने कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक विवाद को और बढ़ा दिया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों ने राजन्ना की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई है, जिससे पार्टी में तनाव और बढ़ गया है। जानिए इस राजनीतिक हलचल के पीछे की पूरी कहानी।
 

कर्नाटक में मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा

कर्नाटक मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा: कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मतदाता सूची में अनियमितताओं के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी थी, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। राजन्ना ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपा, जिससे कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक विवाद की स्थिति और स्पष्ट हो गई है।


पिछले सप्ताह बेंगलुरु में आयोजित एक रैली में, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस की हार के लिए मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया। इस पर राजन्ना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें याद रखना चाहिए कि मतदाता सूचियों में संशोधन तब किया गया था जब हमारी सरकार सत्ता में थी। तब हमारी पार्टी ने क्यों चुप्पी साधी? यह सच है कि अनियमितताएं हुई हैं, लेकिन यह हमारे लिए अपमानजनक है कि यह सब हमारी नाक के नीचे हुआ।” उन्होंने कहा, ‘यह शर्म की बात है कि हमने निगरानी नहीं की’



राजन्ना का बयान: हमारी जिम्मेदारी


पत्रकारों से बातचीत में राजन्ना ने कहा, “मतदाता सूची जैसे मुद्दों पर समय पर कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है। यह हमारे लिए शर्म की बात है कि हमने इसकी निगरानी नहीं की।” उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित करने के बाद आपत्तियां आमंत्रित की थीं, लेकिन पार्टी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।


कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक विवाद


राजन्ना की टिप्पणियों पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों ने नाराजगी जताई। उन पर और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के आरोप लगे। सिद्धारमैया और शिवकुमार समर्थकों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा तनाव अब खुलकर सामने आ रहा है। राजन्ना का इस्तीफा इस आंतरिक विवाद का एक और उदाहरण बन गया है, जो कर्नाटक कांग्रेस के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।