कर्नाटक में मंत्री केएन राजन्ना की विदाई: सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच विवाद गहराया
राजन्ना की विदाई का महत्व
कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के मंत्री केएन राजन्ना की विदाई एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह कदम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रहे विवाद को और बढ़ा सकता है। राजन्ना, जो कि सिद्धारमैया के खेमे से जुड़े हुए हैं, ने लगातार मुख्यमंत्री के समर्थन में और उप मुख्यमंत्री शिवकुमार के खिलाफ बयान दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष का पद बदला जाएगा। यह ध्यान देने योग्य है कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनने में असफल रहने पर उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन राजन्ना बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि शिवकुमार जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटेंगे और सिद्धारमैया के करीबी सुरेश जरकिहोली को यह पद सौंपा जाएगा.
राजन्ना का विवादास्पद बयान
हालांकि, एक बयान ने राजन्ना के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। उन्होंने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन नहीं किया और कहा कि इसमें राज्य सरकार की भी लापरवाही है। इसका मतलब यह था कि उन्होंने चुनाव आयोग को अकेले जिम्मेदार नहीं ठहराया। इस बयान से राहुल गांधी इतने नाराज हुए कि उन्होंने राजन्ना को कांग्रेस पार्टी से निकालने का आदेश जारी कर दिया। सूत्रों के अनुसार, राहुल चाहते थे कि राजन्ना को पार्टी से निलंबित किया जाए। हालांकि, किसी तरह निलंबन टल गया और राजन्ना से सरकार से इस्तीफा लिया गया। अब कर्नाटक की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ गई है। नवंबर में सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल पूरे होंगे, और उससे पहले प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पदों में बदलाव की प्रक्रिया तेज हो सकती है.