कर्नाटक में राहुल गांधी के विरोध प्रदर्शन पर राजनीतिक विवाद
बेंगलुरु में राहुल गांधी का विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आयोजित किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह प्रदर्शन 8 अगस्त को फ्रीडम पार्क में होने वाला है, जिसे पहले 5 अगस्त को आयोजित करने की योजना थी, लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।भाजपा ने इस आयोजन से पहले ही एक औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस ने फ्रीडम पार्क के भीतर एक ऐतिहासिक दीवार को अवैध रूप से गिरा दिया है और कई बड़े पेड़ों को काट दिया है। भाजपा का कहना है कि यह सब बिना किसी आधिकारिक अनुमति के किया गया है। उप्परपेट पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन के आयोजकों ने दशकों पुरानी दीवार को गिराने का कार्य किया, जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और आम जनता को असुविधा हुई।
भाजपा ने इस कृत्य को प्रशासनिक अधिकार का दुरुपयोग बताते हुए आयोजकों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे कार्यों से न केवल नगर निगम के मानदंडों का उल्लंघन होता है, बल्कि इससे सरकार को वित्तीय नुकसान भी होता है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि विध्वंस या पेड़ काटने के लिए संबंधित अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वे विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपने व्यक्तिगत राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे विरासत संरचनाओं को नुकसान और शहर के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस विवाद ने कर्नाटक में पहले से ही गर्माए राजनीतिक माहौल को और बढ़ा दिया है, जहां दोनों पार्टियां विरोध प्रदर्शन की वैधता और इसकी तैयारियों को लेकर वाकयुद्ध में उलझी हुई हैं। यह घटनाक्रम आगामी चुनावों और राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा।