×

कर्नाटक में संविदा चालक की आत्महत्या: भाजपा सांसद पर गंभीर आरोप

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में एक संविदा चालक एम. बाबू की आत्महत्या ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। बाबू ने आत्महत्या से पहले एक नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने भाजपा सांसद डॉ. के. सुधाकर और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए। उनकी पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। सांसद ने इस घटना से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्हें बाबू के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
 

चिक्कबल्लापुर में आत्महत्या की घटना

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में एक संविदा चालक, एम. बाबू (30), की आत्महत्या ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। बाबू ने उपायुक्त कार्यालय में पहुंचकर एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या की। आत्महत्या से पहले, उन्होंने एक नोट छोड़ा जिसमें भाजपा सांसद डॉ. के. सुधाकर और दो अन्य व्यक्तियों, नागेश और मंजूनाथ, पर गंभीर आरोप लगाए। बाबू ने कहा कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर 25 लाख रुपये की ठगी की गई।


पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई

बाबू की पत्नी शिल्पा ने इस घटना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आरोपों में वित्तीय धोखाधड़ी, आत्महत्या के लिए उकसाने, और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला शामिल है।


सुसाइड नोट में लगाए गए आरोप

बाबू ने अपने नोट में लिखा कि नागेश और लेखा सहायक ने उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद सुधाकर के प्रभाव का इस्तेमाल कर उन्हें गुमराह किया गया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बाबू पिछले छह वर्षों से जिला पंचायत के मुख्य लेखा अधिकारी के पास संविदा चालक के रूप में कार्यरत थे।


पुलिस जांच की शुरुआत

चिक्कबल्लापुर के पुलिस अधीक्षक कुशल चौकसे ने बताया कि बाबू ने सुबह 8:30 बजे डीसी कार्यालय परिसर में आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि क्या भाजपा सांसद का इसमें सीधा संबंध है या उनके नाम का दुरुपयोग किया गया है।


सांसद डॉ. के. सुधाकर का बयान

इस मामले पर सांसद सुधाकर ने कहा कि उन्हें बाबू नामक किसी व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उन्होंने उससे कभी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस घटना से उन्हें गहरा दुख हुआ है, लेकिन उनका इससे कोई संबंध नहीं है। वे परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।


राजनीतिक चर्चा का विषय

डॉ. सुधाकर ने कहा कि वे हमेशा युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नोट में जिन दो अन्य व्यक्तियों का नाम है, वे उन्हें नहीं जानते। यदि किसी ने उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया है, तो सच्चाई जांच के बाद सामने आएगी।