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कर्नाटक में सत्ता संघर्ष: सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच की खींचतान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। जनवरी में होने वाली बैठक में राहुल गांधी के साथ उनकी मुलाकात के बाद, यह स्पष्ट होगा कि क्या सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। हाल ही में आयोजित अहिंदा कन्वेंशन में उनके समर्थकों ने उनकी मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की मांग की है, जबकि शिवकुमार का खेमा इस पर सवाल उठा रहा है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की सच्चाई और आगे क्या हो सकता है।
 

सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का संघर्ष

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आसानी से हार मानने वाले नहीं हैं। जनवरी के पहले सप्ताह में, उनकी दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात होने वाली है। इस बैठक में राहुल गांधी और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य कर्नाटक में चल रहे सत्ता संघर्ष को समाप्त करना है। यह ध्यान देने योग्य है कि सिद्धारमैया उस दिन मुख्यमंत्री पद पर सबसे लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं, जब वह देवराज अर्स के रिकॉर्ड को पार करेंगे।


हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि शिवकुमार के समर्थक इस रिकॉर्ड को लेकर अधिक प्रचार कर रहे हैं। सिद्धारमैया और उनके अनुयायी इस बात से सहमत नहीं हैं और मुख्यमंत्री पद छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। हाल ही में कर्नाटक में एक अहिंदा कन्वेंशन आयोजित किया गया, जिसमें सिद्धारमैया के नेतृत्व में पिछड़े, दलित और मुस्लिम समुदायों के नेताओं ने उनकी मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की मांग की। शिवकुमार का खेमा यह आरोप लगा रहा है कि यह सम्मेलन सिद्धारमैया और उनके समर्थकों द्वारा पार्टी आलाकमान पर दबाव डालने के लिए आयोजित किया गया है।