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कर्नाटक सरकार ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे नागरिकों की सुरक्षित वापसी का आश्वासन दिया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे कन्नड़ नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नागरिक सुरक्षित हैं और हवाई अड्डे जल्द खुलने की संभावना है। इस बीच, ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। जानें इस संकट पर और क्या हो रहा है।
 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बयान

ईरान-इजरायल संघर्ष: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे कन्नड़ नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने इस स्थिति पर ध्यान देने की बात कही और प्रभावित नागरिकों से व्यक्तिगत रूप से संवाद करने की जानकारी दी। सिद्धारमैया ने कहा, "मैंने युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में फंसे कन्नड़ लोगों से बात की है।"


मुख्यमंत्री ने बताया कि युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हवाई अड्डे फिलहाल बंद हैं, लेकिन फंसे हुए कन्नड़ नागरिक सुरक्षित हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि "कल या परसों हवाई अड्डे फिर से खुलने की संभावना है। ऐसा होने पर हम उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने का प्रयास करेंगे।" सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने की बात कही, ताकि प्रभावित लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार ने अधिकारियों को इस प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक संभालने के निर्देश दिए हैं।


ईरान-इजरायल तनाव: क्षेत्रीय संकट की गहराई

ईरान और इजरायल के बीच तनाव: ईरान और इजरायल के बीच तनाव मंगलवार को लगातार पांचवें दिन बढ़ गया। ईरानी राज्य टेलीविजन मुख्यालय पर इजरायल के कथित हमले में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद तेहरान ने अब तक का सबसे बड़ा मिसाइल हमला करने की धमकी दी है। इजरायली सेना ने जवाबी कार्रवाई में रात भर में 30 ईरानी ड्रोनों को नष्ट करने का दावा किया है। दोनों देशों के बीच यह सैन्य तनाव हाल के वर्षों में सबसे गंभीर है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है।


वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत की चिंताएं

वैश्विक प्रतिक्रिया: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से अचानक लौटने के बाद सोशल मीडिया पर चेतावनी दी, "सभी को तुरंत तेहरान छोड़ देना चाहिए।" दूसरी ओर, भारत ने पश्चिम एशिया में रहने वाले लगभग 90 लाख भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। भारत सरकार ने दोनों देशों से तनाव कम करने और कूटनीति के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।