कस्टम ड्यूटी में सुधार की तैयारी, वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान
कस्टम ड्यूटी विभाग में सुधार की योजना
नई दिल्ली: आयकर प्रणाली को पारदर्शी और बिना चेहरे वाला बनाने के बाद, केंद्र सरकार अब कस्टम ड्यूटी विभाग पर ध्यान केंद्रित कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (HTLS) 2025 में यह महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजट 2026 से पहले कस्टम विभाग में व्यापक सुधार उनकी प्राथमिकता है। इसे उन्होंने अपना 'नेक्स्ट बिग क्लीन-अप असाइनमेंट' बताया है। समिट के 23वें संस्करण में हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक आर. सुकुमार के साथ बातचीत के दौरान, वित्त मंत्री ने देश की आर्थिक चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर चर्चा की।
वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि कस्टम्स सिस्टम का 'ओवरहॉल' करना अब आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने आयकर विभाग में सुधार किए हैं, उसी तरह कस्टम्स को भी आधुनिक और पारदर्शी बनाया जाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार को कम करना है। सीतारमण ने कहा कि इन सुधारों से आयात-निर्यात की प्रक्रिया सरल होगी और व्यापारियों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिलेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस दिशा में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदम जल्द ही दिखाई देंगे।
पुराने टैक्स सिस्टम की समस्याओं का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पहले यह धारणा थी कि समस्या टैक्स की दरों में नहीं, बल्कि टैक्स प्रशासन के तरीके में है। कभी-कभी प्रशासन का रवैया इतना कष्टदायक हो जाता था कि 'टैक्स टेररिज्म' जैसे शब्दों का प्रयोग होने लगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने फेसलेस और ऑनलाइन सिस्टम लागू करके आयकर प्रक्रिया को काफी सहज और मानवीय बना दिया है। अब सरकार का लक्ष्य कस्टम्स विभाग में भी इसी तरह की पारदर्शिता लाना है ताकि मानवीय दखल कम हो और प्रक्रियाएं तेज हों।
अपनी बातचीत के दौरान, निर्मला सीतारमण ने उन कठिनाइयों का भी उल्लेख किया जिनका सामना देश ने पिछले कुछ वर्षों में किया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी, वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य आपूर्ति पर प्रभाव, चुनावी वर्ष में सरकारी खर्च का दबाव और सीमा पर तनाव जैसी समस्याओं के बावजूद सरकार ने अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखा। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि पहलगाम हमले और अन्य चुनौतियों के बाद वहां के बैंकिंग तंत्र और अर्थव्यवस्था को फिर से स्थापित करना सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।