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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का बड़ा आरोप: क्या है अघोषित आपातकाल का सच?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' जैसे आयोजनों का सहारा ले रही है। खरगे ने अघोषित आपातकाल की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा, उन्होंने निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए और महाराष्ट्र चुनावों में अनियमितताओं का जिक्र किया। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा खरगे ने।
 

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उठे सवाल

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' जैसे आयोजनों का सहारा ले रही है। खरगे ने यह भी कहा कि देश में अब केवल घोषित नहीं, बल्कि अघोषित आपातकाल का माहौल है, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि आज संविधान को खतरा है और इसके लिए मौजूदा सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।


बीजेपी के वैचारिक नेताओं पर खरगे की तीखी टिप्पणी

खरगे ने बीजेपी के वैचारिक नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि जिनका स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं था, वे आज संविधान की रक्षा की बातें कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि अतीत में कुछ लोगों ने संविधान की प्रतियां भी जलाई थीं। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि कांग्रेस लगातार 'संविधान बचाओ यात्रा' चला रही है, जिससे बीजेपी बौखला गई है। उन्होंने मोदी सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर पूरी तरह असफल बताया।


निर्वाचन आयोग पर खरगे का हमला

खरगे ने निर्वाचन आयोग को भी निशाने पर लिया और कहा कि वह अब सरकार की कठपुतली बन चुका है। उनका आरोप है कि आज का लोकतंत्र खतरे में है और सभी संस्थाओं पर सरकार का नियंत्रण है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर यह भी आरोप लगाया कि वह मीडिया से संवाद नहीं करते और जो सवाल पूछे जाते हैं, वे पहले से तय होते हैं। खरगे ने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री मीडिया से सीधे सवालों के जवाब देते थे, लेकिन अब संवाद का तरीका पूरी तरह बदल गया है।


महाराष्ट्र चुनावों का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि वहां के नतीजे चुनाव परिणामों से मेल नहीं खा रहे हैं। वोटर लिस्ट में अचानक हुए बदलाव भी संदेहजनक हैं, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।