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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने बिहार चुनावों के लिए विपक्षी नेताओं का किया रात्रिभोज आयोजन

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 11 अगस्त 2025 को बिहार चुनावों के संदर्भ में विपक्षी नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण रात्रिभोज का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार में चुनावी मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के खिलाफ एकजुट होना था। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को 'वोट की चोरी' करार दिया है। रात्रिभोज में शामिल नेताओं ने मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा की और आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों को साझा किया। खरगे का नेतृत्व कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेषकर दलित समुदाय के समर्थन को जुटाने के संदर्भ में।
 

रात्रिभोज का आयोजन और मुख्य उद्देश्य

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 11 अगस्त 2025 को बिहार चुनावों के संदर्भ में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सांसदों के लिए एक महत्वपूर्ण रात्रिभोज का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार में चुनावी मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के खिलाफ एकजुट होना था। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को 'वोट की चोरी' और 'मतदान में धांधली' के रूप में देखा है, जो बीजेपी और चुनाव आयोग के सहयोग से आगामी चुनावों में लाभ उठाने के लिए की जा रही है।


यह रात्रिभोज राहुल गांधी के आवास पर हुई एक बैठक के बाद आयोजित किया गया, जिसमें 'इंडिया' गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने बिहार की मतदाता सूची में कथित हेरफेर और चुनावी प्रक्रिया में धांधली के खिलाफ अपनी रणनीति पर चर्चा की। यह बैठक हालिया लोकसभा चुनावों के बाद विपक्षी नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की मुलाकात थी, जो उनकी एकता को दर्शाती है।


रात्रिभोज में शामिल नेता और चर्चा के विषय

खरगे के नेतृत्व में आयोजित इस रात्रिभोज में शरद पवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव सहित लगभग 50 नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर, विपक्षी नेताओं ने मतदाता सूची संशोधन के मुद्दे पर अपनी एकजुटता को दोहराया और सरकार को घेरने तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे की रणनीति पर विचार किया।


मल्लिकार्जुन खरगे का कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चयन, विशेष रूप से बिहार जैसे राज्य में, जहाँ दलित वोट बैंक महत्वपूर्ण है, पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। खरगे का नेतृत्व कांग्रेस के लिए एक 'ट्रम्प कार्ड' साबित हो सकता है, जिससे दलित समुदाय को एकजुट करने और व्यापक समर्थन जुटाने की उम्मीद है।


आगामी चुनावों के लिए विपक्ष की एकता

यह रात्रिभोज न केवल चुनावी रणनीतियों को आकार देने का एक मंच बना, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विपक्षी दल आगामी राजनीतिक मुकाबलों के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं।