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कांग्रेस अध्यक्ष ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के उपसभापति को पत्र लिखकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे को देश के करोड़ों मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। खड़गे ने विपक्षी दलों की एकजुटता को दर्शाते हुए उपसभापति से तात्कालिक चर्चा की अनुमति देने का अनुरोध किया। बिहार में चुनावों के मद्देनजर यह विषय और भी गरमाया हुआ है।
 

मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चर्चा की आवश्यकता

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को एक पत्र भेजकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर तात्कालिक चर्चा की मांग की है। खड़गे ने बताया कि यह विषय देश के करोड़ों मतदाताओं, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।


अपने पत्र में खड़गे ने 21 जुलाई 2023 को तत्कालीन सभापति द्वारा दिए गए एक निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि राज्यसभा में हर विषय पर चर्चा की जा सकती है, सिवाय सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों के आचरण से संबंधित मामलों के, जब तक कि राष्ट्रपति को हटाने के लिए प्रस्ताव न हो।


उन्होंने तर्क दिया कि मतदाता सूची का संशोधन एक ऐसा विषय है जिस पर चर्चा का पूरा अधिकार है।


खड़गे ने पत्र में लिखा, "भारत के चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पहले बिहार में की जा रही है और फिर पश्चिम बंगाल, असम और अन्य राज्यों में की जाएगी। विपक्षी सांसद इस सत्र के पहले दिन से ही सदन में तत्काल चर्चा की मांग कर रहे हैं।


उन्होंने उपसभापति से अनुरोध किया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक है और इसका सीधा प्रभाव करोड़ों मतदाताओं पर पड़ता है, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए, जो चिंता का विषय है।


कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में विपक्षी दलों की एकजुटता को दर्शाते हुए यह मांग की और उम्मीद जताई कि उपसभापति इस पर सकारात्मक निर्णय लेंगे।


बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्षी सांसद सरकार से संसद के मानसून सत्र में एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।


यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार में इस वर्ष चुनाव होने वाले हैं।


इससे पहले, चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण कराया था। विपक्ष एसआईआर का विरोध कर रहा है और सरकार पर मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहा है।