×

कांग्रेस का एसआईआर मुद्दे पर अडिग रहना, बिहार में विपक्षी दलों की चुप्पी

कांग्रेस पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर अडिग है, जबकि बिहार में विपक्षी दलों ने इसे छोड़ दिया है। राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन जनता की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। जानें इस मुद्दे की गहराई और बिहार की राजनीतिक स्थिति के बारे में।
 

कांग्रेस पार्टी का एसआईआर पर जोर

कांग्रेस पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, जिसे एसआईआर कहा जाता है, के मुद्दे पर अडिग है। पटना में आयोजित कार्य समिति की बैठक में पार्टी ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह वोट चोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे, जैसे कि हाइड्रोजन और यूरेनियम बम का उदाहरण देते हुए। उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर के खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।


हालांकि, बिहार में जहां एसआईआर लागू किया गया है, वहां इसका कोई विरोध नहीं हो रहा है। जनता की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है और न ही कोई जन आंदोलन देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद, कांग्रेस इस मुद्दे को अपने हाथ में लिए हुए है।


बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी राजद ने इस मुद्दे को छोड़ दिया है। तेजस्वी यादव ने अपनी पांच दिन की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान इस मुद्दे का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बेरोजगारी, गरीबी, पलायन और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाने की इच्छा जताई। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल गांधी असली मुद्दों को नजरअंदाज कर इमोशनल मुद्दों पर चुनावी रणनीति बना रहे हैं। इसीलिए, वह वोट चोरी, एसआईआर और 'जेन जी' जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वह विपक्षी दलों को भी तैयार कर रहे हैं कि जब देशभर में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो, तो इसका विरोध किया जाए, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आधार को सत्यापन दस्तावेज के रूप में मान्यता दे दी है और चुनाव आयोग ने इसे स्वीकार कर लिया है।