×

कांग्रेस का विपक्षी गठबंधन से आगे बढ़ने का नया कदम

कांग्रेस पार्टी ने बिहार और तमिलनाडु में विपक्षी गठबंधन से आगे बढ़ने की योजना बनाई है। पार्टी के नेता अब राजद और डीएमके पर अधिक सीटों के लिए दबाव बना रहे हैं। राहुल गांधी की सक्रियता से कांग्रेस को नई ताकत मिली है, जिससे वह एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रही है। जानें कैसे कांग्रेस ने अपनी रणनीति को बदलते हुए अपनी स्थिति को मजबूत किया है।
 

कांग्रेस की नई रणनीति

कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों और कुछ नेताओं ने, जो पार्टी से असंतुष्ट हैं, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के भविष्य पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, अब कांग्रेस खुद को इस गठबंधन से आगे बढ़ते हुए देख रही है। बिहार में, पार्टी ने गठबंधन से बाहर निकलने की योजना बनाई है, जबकि तमिलनाडु में भी इसके नेता इसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। बिहार में कांग्रेस के नेता राष्ट्रीय जनता दल पर दबाव बना रहे हैं, जबकि तमिलनाडु में डीएमके पर भी इसी तरह का दबाव डाला जा रहा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के खिलाफ भी कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी की सक्रियता और वोट चोरी के मुद्दे पर उनकी लड़ाई ने पार्टी को नई ऊर्जा दी है। अब कांग्रेस को एक मजबूत विपक्ष के रूप में देखा जा रहा है, और वह अपनी इस नई ताकत का लाभ उठाना चाहती है।


बिहार में कांग्रेस की स्थिति

बिहार में, कांग्रेस ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को कई मोर्चों पर घेर लिया है। सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सस्पेंस पैदा किया गया है, जिससे राजद के नेता चिंतित हैं। पिछली बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जब मुकेश सहनी की पार्टी साथ नहीं थी। इस बार सहनी को भी सीटें देनी हैं, और सीपीआई माले की सीटें बढ़ाने की आवश्यकता है, फिर भी कांग्रेस अपनी सीटों की मांग से पीछे नहीं हट रही है। इसके अलावा, कांग्रेस ने एक क्वालिटी सीट की सूची राजद को सौंप दी है। हाल ही में पटना में 85 साल बाद कार्य समिति की बैठक हुई, और प्रियंका गांधी वाड्रा 26 सितंबर को मोतिहारी में रैली करने वाली हैं।


तमिलनाडु में कांग्रेस की नई पहल

तमिलनाडु में, कांग्रेस के नेताओं ने डीएमके पर अधिक सीटों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक एस राजेश कुमार के बयान ने इस मुद्दे को और बढ़ा दिया है। तमिल सुपरस्टार विजय ने भी चुनाव में नई पार्टी बनाने की योजना का संकेत दिया है, जिससे कांग्रेस के साथ तालमेल की संभावना बढ़ी है। डीएमके के बिना भी वोटों को एकत्र करने की बात की जा रही है। उत्तर प्रदेश में, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा है कि पार्टी अब पहले से कहीं अधिक मजबूत है और विधानसभा चुनाव में पिछली बार की तरह तालमेल नहीं होगा।