कांग्रेस की बिहार चुनाव में हार: नेतृत्व पर उठे सवाल
नई दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की निराशाजनक हार के बाद पार्टी के भीतर असंतोष खुलकर सामने आ गया है। नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन की स्थिति, गलत टिकट वितरण और नेतृत्व की दूरी ने पार्टी को नुकसान पहुँचाया है। कांग्रेस केवल कुछ सीटें ही जीत सकी, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि वफादार कार्यकर्ता कब तक इंतजार करेंगे।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
पटना में कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व तक सही जानकारी नहीं पहुँच पाई, जिससे बड़ी गलती हुई। उनका मानना है कि यदि नेतृत्व अब भी जागरूक नहीं हुआ, तो पार्टी को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की बातों को नजरअंदाज किया जाता है, जिससे असंतोष बढ़ता है।
शशि थरूर की टिप्पणी
केरल से सांसद शशि थरूर ने हार को गंभीर निराशा बताया। उन्होंने कहा कि आत्ममंथन के साथ-साथ रणनीतिक और संगठनात्मक गलतियों की वैज्ञानिक समीक्षा आवश्यक है। थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें बिहार चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया, जिससे वह जमीनी स्थिति का आकलन नहीं कर सके। पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उन्हें योग्य नहीं समझा।
नेतृत्व पर उठते सवाल
मुमताज पटेल का बयान
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने नेतृत्व पर सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि अब बहाने और दोषारोपण का समय नहीं है। उनके अनुसार हार की असली वजह यह है कि सत्ता कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित है, जो जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं।
शकील अहमद की चिंताएँ
शकील अहमद का बयान
हाल ही में पार्टी छोड़ चुके शकील अहमद ने टिकट वितरण में अनियमितताओं की बात उठाई और कहा कि यदि आरोप सही हैं तो कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने AIMIM के कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन को चिंताजनक बताया। पार्टी के भीतर आलोचना तेज हो गई है और नेतृत्व पर सवाल और गहरे होते जा रहे हैं।
हार के कारण
निखिल कुमार का विश्लेषण
पार्टी के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने हार की जड़ में संगठन की कमजोरी को बताया। उनके अनुसार, एक मजबूत संगठन ही चुनाव जीत सकता है और केवल अच्छे उम्मीदवार पर्याप्त नहीं होते। उन्होंने कहा कि रणनीति और प्रबंधन में भारी कमियाँ रहीं, जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। पटना से कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी स्वीकार किया कि पार्टी को गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने माना कि फ्रेंडली फाइट ने भी RJD और कांग्रेस को नुकसान पहुँचाया।