कांग्रेस के आरोपों पर धर्मेंद्र प्रधान की तीखी प्रतिक्रिया: क्या है सच?
धर्मेंद्र प्रधान की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राहुल गांधी ने एक लेख में महाराष्ट्र चुनावों के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर धांधली और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया था। प्रधान ने इसे कांग्रेस की 'पूर्वानुमेय स्क्रिप्ट' बताया, जिसे पार्टी चुनाव हारने के बाद बार-बार दोहराती है।
'काल्पनिक शिकार' की सोच
प्रधान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी का आरोपित लेख कांग्रेस की चुनावी हार के बाद अपनाए जाने वाले ढांचे को दर्शाता है: पहले हार को स्वीकार न करना, फिर संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना, साजिश का दावा करना और अंत में खुद को काल्पनिक षड्यंत्र का शिकार बताना। उन्होंने यह भी कहा, “भारत का लोकतंत्र इतनी नाजुक स्थिति में नहीं है कि वह किसी वंशवादी नेता की असुरक्षा के आगे झुक जाए, जो बार-बार जनता के जनादेश को नकारता है।”
कांग्रेस के इतिहास पर सवाल
प्रधान ने राहुल गांधी को चुनावी धांधली पर टिप्पणी करने से पहले अपनी पार्टी के अतीत पर गौर करने की सलाह दी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक लोकतंत्र का गला घोंटा है, चाहे वह आपातकाल का समय हो या अनुच्छेद 356 का 90 बार से अधिक दुरुपयोग कर राज्य सरकारों को गिराना।
चुनाव आयोग में पारदर्शिता का श्रेय मोदी सरकार को
प्रधान ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कहा था कि 'भारतीय लोकतंत्र मर चुका है।' इस पर तंज कसते हुए प्रधान ने कहा कि वही नेता आज़ादी से चुनाव लड़ते हैं, प्रचार करते हैं, लेकिन हारने पर ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है, जिसमें अब विपक्ष के नेता को भी शामिल किया जाता है—जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कभी नहीं हुआ।
'मैच फिक्सिंग' का आरोप निराशा का परिणाम
प्रधान ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैच फिक्सिंग तब नहीं होती जब आप चुनाव हार जाते हैं, बल्कि तब होती है जब आप अंपायर पर सवाल उठाकर लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।”
राहुल गांधी के आरोप
वहीं, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाजपा और एनडीए ने चुनावों में जीतने के लिए एक सुनियोजित योजना अपनाई। उन्होंने इस योजना के पांच चरण बताए:
1. चुनाव आयोग में अपने पक्ष में नियुक्तियां
2. फर्जी नामों को वोटर लिस्ट में जोड़ना
3. मतदान प्रतिशत कृत्रिम रूप से बढ़ाना
4. भाजपा-लाभ वाले क्षेत्रों में फर्जी वोट डालना
5. सभी साक्ष्यों को छिपाना
राहुल ने चेताया कि यही रणनीति बिहार विधानसभा चुनावों में भी दोहराई जाएगी।