कांग्रेस केरल में शशि थरूर और के. मुरलीधरन के बीच बढ़ती दरार: क्या है मामला?
कांग्रेस में आंतरिक विवाद
कांग्रेस की केरल शाखा इस समय गंभीर आंतरिक मतभेदों का सामना कर रही है। यह स्थिति तब और बिगड़ गई जब शशि थरूर ने पार्टी के राज्य प्रमुख के. मुरलीधरन पर तीखा हमला किया और उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए।
मुरलीधरन की प्रतिक्रिया
18 जुलाई को मुरलीधरन ने कहा था कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपने विचार नहीं बदलते, तब तक उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि थरूर “हम में से एक नहीं हैं”, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई।
थरूर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुरलीधरन का आरोप शायद किसी न किसी आधार पर आधारित होगा। उन्होंने बिना मुरलीधरन का नाम लिए कहा, “जो लोग ऐसी बातें कह रहे हैं, उनके पास भी इसे कहने का कोई कारण तो जरूर होगा। मैं जानना चाहता हूं कि वे कौन हैं और उनकी पार्टी का क्या रुख है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर थरूर का दृष्टिकोण
यह विवाद तब और बढ़ा जब थरूर ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में राजनीति अक्सर प्रतिस्पर्धा के बारे में होती है और कभी-कभी अंतरदलीय सहयोग को विश्वासघात के रूप में देखा जा सकता है। थरूर ने कहा, “मैं अपने रुख पर कायम रहूंगा क्योंकि यह देश के लिए सही है।”
थरूर का मानना है कि राष्ट्र सर्वोपरि है और राजनीतिक दल इसे बेहतर बनाने का एक साधन हैं। उनके इस बयान ने मुरलीधरन को नाराज कर दिया, जिन्होंने कहा कि जब तक थरूर अपना रुख नहीं बदलते, तब तक उन्हें पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा। मुरलीधरन ने स्पष्ट किया कि "हमारे लिए थरूर की विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं है।"
कांग्रेस में हलचल
मुरलीधरन के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई। उन्होंने कहा कि अब यह आलाकमान का निर्णय होगा कि थरूर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। मुरलीधरन ने यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के अनुसार ही केरल में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में थरूर का समर्थन नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, मुरलीधरन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी थरूर के तिरुवनंतपुरम में कमजोर प्रदर्शन से भी नाराज है। उनका कहना था कि यदि थरूर पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा नहीं बदलते, तो उनका समर्थन करना संभव नहीं होगा।
कांग्रेस के लिए चिंता का विषय
यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्य में जहां पार्टी की सत्ता में वापसी की उम्मीदें बड़ी हैं। थरूर और मुरलीधरन के बीच बढ़ती खाई पार्टी के भीतर एक सशक्त नेतृत्व के लिए चुनौती पैदा कर रही है।
कांग्रेस के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वह आंतरिक मतभेदों से जूझ रही है, जबकि पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर भी कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। देखना यह होगा कि शशि थरूर और के. मुरलीधरन के बीच की यह तकरार आगे जाकर कांग्रेस पार्टी के भविष्य को किस दिशा में मोड़ती है।