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कांग्रेस ने BMC चुनाव में अकेले लड़ने का लिया निर्णय

कांग्रेस ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव में अकेले लड़ने का निर्णय लिया है, जो मुंबई की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। पार्टी ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा है कि वह संगठनात्मक मजबूती के आधार पर चुनावी मैदान में उतरेगी। इस समय मुंबई की राजनीति में शिवसेना (UBT) और MNS के बीच बढ़ती नजदीकी भी चर्चा का विषय है। चुनाव की तिथियाँ 15 और 16 जनवरी निर्धारित की गई हैं, जो पूरे महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।
 

कांग्रेस का महत्वपूर्ण निर्णय


नई दिल्ली: कांग्रेस ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाया है। पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी अन्य दल के साथ गठबंधन किए बिना इस चुनाव में भाग लेगी। इस निर्णय की पुष्टि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने शनिवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में की।


बीएमसी चुनाव की तैयारी

चेन्निथला ने बताया कि कांग्रेस बीएमसी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है और पार्टी के भीतर बैठकों का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक मजबूती के आधार पर स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया गया है।


मुंबई की राजनीतिक हलचल

कांग्रेस का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब मुंबई की राजनीति में तेजी से बदलाव हो रहा है। शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकी ने राजनीतिक परिदृश्य को और दिलचस्प बना दिया है।


ठाकरे परिवार के ये दोनों नेता, जो पहले एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते थे, अब इस बात पर सहमत हैं कि अगर मुंबई उनके हाथ से निकल गई, तो उनके राजनीतिक विरासत को गंभीर नुकसान हो सकता है।


उद्धव और राज ठाकरे की रणनीतियाँ

उद्धव ठाकरे के लिए बीएमसी चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, यह चुनाव उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता को पुनर्स्थापित करने का एक बड़ा अवसर हो सकता है। बीएमसी पर नियंत्रण उनके लिए राजनीतिक ताकत और संगठनात्मक पकड़ का प्रतीक है।


वहीं, राज ठाकरे इस चुनाव को मराठी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान से जोड़कर देख रहे हैं। MNS खुद को महाराष्ट्र की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान का संरक्षक मानती है। हालांकि, शिवसेना (UBT) और MNS के बीच अभी तक किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, अगले सप्ताह दोनों दल बीएमसी चुनाव के लिए साझा रणनीति की घोषणा कर सकते हैं।


MVA गठबंधन पर प्रभाव

कांग्रेस वर्तमान में महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें शिवसेना (UBT) और शरद पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP - SP) शामिल हैं। फिर भी, कांग्रेस का अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय गठबंधन के भीतर मतभेदों का संकेत देता है।


यह ध्यान देने योग्य है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में MVA को बड़ा झटका लगा था, जब भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने भारी जीत हासिल की थी। इसके बाद से विपक्षी दल अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रहे हैं।


चुनाव की तिथियाँ और महत्व

बीएमसी के साथ-साथ राज्य के 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा। मतगणना 16 जनवरी को की जाएगी। बीएमसी को देश का सबसे समृद्ध नगर निगम माना जाता है, इसलिए इसका चुनाव न केवल मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।