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कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह को छह साल के लिए किया निष्कासित: जानें क्या है मामला

कांग्रेस पार्टी ने लक्ष्मण सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय राहुल गांधी के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणियों और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण लिया गया। लक्ष्मण सिंह ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कई बार सार्वजनिक बयान दिए थे, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा। जानें इस मामले की पूरी कहानी और लक्ष्मण सिंह के विवादास्पद बयानों के बारे में।
 

कांग्रेस पार्टी का बड़ा निर्णय

कांग्रेस पार्टी ने लिया बड़ा कदम: कांग्रेस ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई राहुल गांधी के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी और पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण की गई है। कांग्रेस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि लक्ष्मण सिंह को "तत्काल प्रभाव से" पार्टी से बाहर किया गया है।


अनुशासन समिति की सिफारिश

यह निर्णय अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) की अनुशासन समिति की सिफारिश के आधार पर लिया गया है, जिसमें कहा गया कि लक्ष्मण सिंह ने बार-बार पार्टी नेतृत्व के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिए हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। लक्ष्मण सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं और वे पांच बार सांसद रह चुके हैं।


विवादास्पद बयान


राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा पर लक्ष्मण सिंह की टिप्पणी

निष्कासन से पहले, लक्ष्मण सिंह को पिछले महीने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कथित तौर पर यह सवाल उठाया था कि पार्टी को राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की "अपरिपक्वता" को और कितने समय तक सहन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा था, "राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा अपरिपक्व हैं।"


पहलगाम आतंकी हमले पर विवादित बयान

24 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लक्ष्मण सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक बयान दिया, जिससे पार्टी के भीतर काफी विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा, "देश को राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की अपरिपक्वता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।"


पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान

कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई कि एक वरिष्ठ नेता द्वारा इस तरह के बयान न केवल पार्टी की नीति के खिलाफ हैं, बल्कि इससे जनता में गलत संदेश भी जाता है। अनुशासन समिति ने लक्ष्मण सिंह के बयानों को पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया और उनके निष्कासन की सिफारिश की।