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कांग्रेस ने लखनऊ में पोस्टर वार के जरिए मोदी सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस पार्टी ने लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक नया पोस्टर वार शुरू किया है, जिसमें अरावली पर्वत के संरक्षण की अपील की गई है। एनएसयूआई द्वारा लगाए गए पोस्टर में प्रधानमंत्री मोदी और उद्योगपति अडानी की तस्वीरें हैं, जो सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं। छात्र नेता आदित्य शुक्ला ने कहा कि यदि अरावली के जंगलों को नष्ट किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध हवा मिलना मुश्किल होगा। यह अभियान पर्यावरण के प्रति युवाओं की चिंता को दर्शाता है।
 

लखनऊ में कांग्रेस का नया अभियान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कांग्रेस ने एक नया पोस्टर वार शुरू किया है। इस बार उनका ध्यान उद्योगपतियों को दी जाने वाली रियायतों पर है। लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UPCC) के मुख्यालय के बाहर छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) द्वारा एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।


पोस्टर में क्या लिखा है?

पूरा जंगल अडानी को दे दिया, बचा लो अरावली, वरना सांसें भी बिकेंगी

इस होर्डिंग के माध्यम से केंद्र सरकार की 'एक पेड़ मां के नाम' मुहिम पर कटाक्ष करते हुए अरावली पर्वत (Aravalli Hills) के संरक्षण की अपील की गई है। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उद्योगपति गौतम अडानी (Industrialist Gautam Adani) की तस्वीरें prominently दिखाई गई हैं। इसमें सरकार की नीतियों पर सीधा सवाल उठाया गया है। होर्डिंग पर बड़े अक्षरों में लिखा है कि एक पेड़ मां के नाम, पूरा जंगल अडानी के नाम, एक पेड़ दिखाकर वोट लिया, पूरा जंगल अडानी को दे दिया, बचा लो अरावली, वरना सांसें भी बिकेंगी।


अरावली के संरक्षण का महत्व

अरावली के संरक्षण का मुद्दा

पोस्टर लगाने वाले छात्र नेता आदित्य शुक्ला ने कहा कि सरकार एक ओर पर्यावरण के नाम पर भावुकता दिखा रही है, जबकि दूसरी ओर अरावली जैसी महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं को खनन और औद्योगिक लाभ के लिए निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अरावली के जंगलों को नष्ट किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध हवा मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।


राजनीतिक हलचल

सियासी हलकों में हलचल

अरावली पर्वत श्रृंखला दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि इसमें होने वाले किसी भी बड़े हस्तक्षेप का सीधा असर पर्यावरण और भूजल स्तर पर पड़ेगा। लखनऊ के मॉल एवेन्यू में कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगी होर्डिंग राहगीरों का ध्यान आकर्षित कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस सीधे तौर पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' के मुद्दे को पर्यावरण से जोड़कर जनता के बीच ले जाने की कोशिश कर रही है।


युवाओं की आवाज

पर्यावरण के दोहन को लेकर चिंतित युवा इसके खिलाफ आवाज उठाता रहेगा

एनएसयूआई का यह विरोध उस समय आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में अरावली पर्वत के संरक्षण के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। छात्र नेताओं ने कहा कि सांकेतिक वृक्षारोपण से ज्यादा जरूरी प्राकृतिक जंगलों को बचाना है। आदित्य शुक्ला, जो गोरखपुर के निवासी हैं, छात्र राजनीति में सक्रिय हैं, ने इस पोस्टर के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की है कि युवा वर्ग पर्यावरण के दोहन को लेकर चिंतित है और वह इसके खिलाफ आवाज उठाता रहेगा।