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कांग्रेस नेता उदित राज का विवादास्पद बयान: क्या राहुल गांधी हैं दूसरे अंबेडकर?

कांग्रेस नेता उदित राज ने राहुल गांधी की तुलना भीमराव अंबेडकर से की, जिससे भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा ने इसे दलितों और अंबेडकर का अपमान बताया। राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर अपनी गलती स्वीकार की। इस विवाद ने राजनीतिक तकरार को जन्म दिया है। क्या राजनीतिक दल जातीय पहचान का उपयोग कर रहे हैं? जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नेता उदित राज ने राहुल गांधी की तुलना भीमराव अंबेडकर से करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी आलोचना का सामना किया है। भाजपा ने इसे दलितों और संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दिया है.


उदित राज का बयान

शनिवार को उदित राज ने एक्स पर लिखा, "ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को यह समझना चाहिए कि इतिहास बार-बार तरक्की का अवसर नहीं देता। उन्हें राहुल गांधी के विचारों का समर्थन करना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो राहुल गांधी उनके लिए दूसरे अंबेडकर साबित हो सकते हैं।" यह टिप्पणी कांग्रेस के तालकटोरा स्टेडियम में हुए सम्मेलन के बाद आई, जहां राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर महत्वपूर्ण बातें की थीं.


राहुल गांधी का जातीय जनगणना पर बयान

राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार के दौरान जातिगत जनगणना न कराना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूं कि मैंने कहां अच्छा किया और कहां कमी रही। भूमि अधिग्रहण बिल, मनरेगा, खाद्य का अधिकार, जनजातीय बिल, नियमगिरी की लड़ाई—इन पर मैंने अच्छा काम किया। दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए मैं अच्छे नंबर चाहता हूं। लेकिन मेरी एक कमी रही ओबीसी समुदाय के लिए मैंने वैसा काम नहीं किया जैसा करना चाहिए था।"


भाजपा का विरोध

उदित राज के बयान पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी असली अंबेडकर को सम्मान नहीं दिया और अब 'दूसरे अंबेडकर' की बात कर रही है। उन्होंने कहा, "दलितों और अंबेडकर जी का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बन गई है।"


कांग्रेस का पुराना नेतृत्व

शहजाद पूनावाला ने तंज करते हुए कहा, "अब गांधी परिवार खुद मान रहा है कि नेहरू और इंदिरा गांधी गलत रास्ते पर थे। यदि राहुल गांधी को अंबेडकर जैसा बताया जा रहा है, तो इसका मतलब कांग्रेस अब अपने पुराने नेताओं को भी नकार रही है।" राहुल गांधी द्वारा जातीय जनगणना की आवश्यकता पर दिया गया बयान अब राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है.


नई बहस का आगाज़

कांग्रेस नेता के 'दूसरे अंबेडकर' वाले बयान ने नई बहस को जन्म दिया है। क्या राजनीतिक दल जातीय पहचान और ऐतिहासिक हस्तियों का उपयोग जनभावनाओं को साधने के लिए कर रहे हैं? इस पर मतभेद गहराते जा रहे हैं.