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कांग्रेस नेता परगट सिंह ने स्वास्थ्य फंड रोकने की निंदा की

कांग्रेस नेता परगट सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के स्वास्थ्य फंड को रोकने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई में आम जनता को नुकसान पहुंचाना गलत है। परगट सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय से बकाया राशि जारी करने की मांग की और पंजाब सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने पंजाब के गरीबों के बारे में नहीं सोचा और यह फैसला लोगों को सजा देने वाला है।
 

स्वास्थ्य फंड रोकने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

चंडीगढ़- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार के 450 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य फंड को रोकने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही ब्रांडिंग की लड़ाई में आम जनता को नुकसान पहुंचाना गलत है। कांग्रेस पार्टी इस राजनीतिक संघर्ष में पंजाब को एक अखाड़ा नहीं बनने देगी।


परगट सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की बकाया राशि को तुरंत जारी करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार से विज्ञापन की राजनीति छोड़कर जिम्मेदार शासन अपनाने की सलाह दी। उनका कहना था कि इस फंड का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए, और उन्हें इससे वंचित नहीं किया जाना चाहिए।


उन्होंने 2023 में आयुष्मान भारत केंद्रों के नाम बदलकर 'आम आदमी क्लीनिक' करने के फैसले को गलत ठहराया। परगट सिंह ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन था, जिससे पंजाब को आर्थिक नुकसान हुआ। पंजाब सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य की बजाय अपनी राजनीतिक ब्रांडिंग को प्राथमिकता दी है।


परगट सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार के खिलाफ बदले की राजनीति की है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पंजाब के गरीब और जरूरतमंद लोगों के बारे में नहीं सोचा, और यह फैसला लोगों को सजा देने वाला है। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य क्रांति भी उनकी अन्य योजनाओं की तरह विफल रही है।


पंजाब सरकार पहले ही कर्ज लेकर राज्य को वित्तीय इमरजेंसी की ओर धकेल चुकी है। अब, उन्होंने लोगों को 10 लाख रुपये का मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है, जबकि उनके पास पहले से ही खजाने खाली हैं। अब सरकारी जमीनों को बेचकर और नीलाम करके पैसे जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।