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कांग्रेस में गहलोत-पायलट की एकजुटता: क्या खत्म हुआ अंतर्विरोध?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनके और सचिन पायलट के बीच कोई मतभेद नहीं है। दौसा में आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने पांच साल बाद एक साथ मंच साझा किया, जो कांग्रेस में अंतर्विरोधों के समाप्त होने का संकेत माना जा रहा है। गहलोत ने राजेश पायलट को याद करते हुए उनके योगदान को सराहा। इस मुलाकात ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगाई है। क्या यह कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत है? जानें पूरी कहानी में।
 

गहलोत का बयान: कोई मतभेद नहीं

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनके और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच कभी भी कोई मतभेद नहीं रहा। यह बयान दौसा में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया, जहां गहलोत ने कहा, 'हम कब अलग हुए? हम तो हमेशा एक साथ हैं। केवल मीडिया ही दूरी की बातें करता है।'


गहलोत और पायलट का साझा मंच

5 साल बाद एक साथ आए दोनों नेता


इस अवसर पर गहलोत और पायलट ने पांच साल बाद पहली बार एक मंच साझा किया, जिसे कांग्रेस में लंबे समय से चल रहे अंतर्विरोधों के समाप्त होने का संकेत माना जा रहा है। यह मुलाकात उस समय हुई है जब 2020 में पायलट की बगावत के बाद दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया था। उस समय पायलट और 18 विधायकों ने गहलोत सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था, जिससे राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना रहा।


राजेश पायलट की याद में

गहलोत ने राजेश पायलट को याद करते हुए कहा कि उन्होंने लंबे समय तक संसद में उनके साथ काम किया और उनके असामयिक निधन को पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दोनों नेताओं के एक साथ आने को पार्टी के लिए एक सकारात्मक कदम माना।


कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता वेद प्रकाश सोलंकी ने इसे 'ऐतिहासिक क्षण' बताते हुए कहा कि कार्यकर्ता अब फिर से एकजुट हो रहे हैं। पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी इस मेल-मिलाप को स्वागतयोग्य बताया और आशा व्यक्त की कि पार्टी अब मजबूती से आगे बढ़ेगी।


पायलट ने खारिज किए आरोप

गहलोत के आरोपों का जवाब


हालांकि, 2020 में गहलोत ने आरोप लगाया था कि कुछ विधायकों ने पैसे लेकर बगावत की थी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम भी लिया था। पायलट ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा था कि उनकी नाराज़गी केवल गहलोत की कार्यशैली को लेकर थी। पिछले कुछ महीनों में दोनों नेताओं की एक साथ मौजूदगी और संवाद ने कांग्रेस के भीतर एकजुटता की नई उम्मीद जगाई है।