कांग्रेस में थरूर और मुरलीधरन के बीच विवाद ने बढ़ाई अंदरूनी कलह
कांग्रेस पार्टी में बढ़ती तकरार
कांग्रेस पार्टी में चल रही अंदरूनी कलह एक बार फिर से उजागर हो गई है। तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने अपने सहयोगी नेता के. मुरलीधरन के खिलाफ तीखा पलटवार किया है। थरूर ने मुरलीधरन की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के भीतर की तकरार को और बढ़ा दिया है।मुरलीधरन का 'जब' क्या था? हाल के दिनों में कांग्रेस में थरूर के प्रति विभिन्न राय देखने को मिली हैं। मुरलीधरन ने थरूर पर एक टिप्पणी की थी, जो उनके कार्यों या पार्टी में उनकी भूमिका के संदर्भ में आलोचनात्मक मानी गई। मुरलीधरन को पार्टी के स्थापित नेतृत्व का करीबी माना जाता है, और उनके बयान को थरूर को नीचा दिखाने का प्रयास समझा गया।
थरूर का जवाब: 'उनकी क्या हैसियत?' थरूर ने मुरलीधरन की टिप्पणी पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "पार्टी में उनकी (मुरलीधरन की) क्या हैसियत है? मुझे नहीं पता कि मुझे क्यों जवाब देना चाहिए।" यह बयान केवल मुरलीधरन के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए था जो थरूर पर लगातार निशाना साधते हैं। थरूर का यह उत्तर उनकी आत्म-सम्मान और पहचान को बनाए रखने की इच्छा को दर्शाता है।
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई: क्या यह एकता को खतरा है? यह घटना कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी और नेताओं के बीच मतभेदों को फिर से उजागर करती है। जब पार्टी विपक्ष के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है, ऐसे समय में नेताओं के बीच इस तरह की सार्वजनिक बहस पार्टी की छवि और एकता को नुकसान पहुंचा सकती है। थरूर एक ऐसे नेता हैं जिनकी पहचान खासकर युवाओं और शिक्षित वर्ग में है, जबकि मुरलीधरन जैसे नेता पार्टी के पारंपरिक ढांचे का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन दोनों के बीच की तकरार केरल कांग्रेस में भी गहरी जड़ें रखती है।