×

कांग्रेस में शशि थरूर और मुरलीधरन के बीच बढ़ती खाई: क्या थरूर का भविष्य खतरे में है?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने सांसद शशि थरूर की आलोचना करते हुए कहा है कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने विचार नहीं बदलते, तब तक उन्हें पार्टी कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। थरूर ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्र पहले आता है। इस विवाद ने कांग्रेस के भीतर मतभेदों को उजागर किया है, और मुरलीधरन ने थरूर को स्पष्ट राजनीतिक दिशा अपनाने की सलाह दी है। क्या यह विवाद थरूर के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा? जानें पूरी कहानी।
 

कांग्रेस के भीतर विवाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने रविवार को तिरुवनंतपुरम में सांसद शशि थरूर की आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने विचार नहीं बदलते, तब तक उन्हें किसी भी कांग्रेस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। मुरलीधरन ने कहा कि थरूर को अब कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का सदस्य नहीं माना जाता और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को उनके खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए।


थरूर का रुख और मुरलीधरन की प्रतिक्रिया

यह टिप्पणी तब आई जब थरूर ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपने विचारों का बचाव किया। उन्होंने कहा, "राष्ट्र पहले आता है, और राजनीतिक दल देश को बेहतर बनाने का एक माध्यम हैं।" थरूर ने यह भी कहा कि हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में उन्होंने सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार का समर्थन किया। हालांकि, मुरलीधरन ने कहा कि जब तक थरूर अपने विचार नहीं बदलते, तब तक उन्हें पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया जाएगा।


कांग्रेस में आंतरिक मतभेद

मुरलीधरन और थरूर के बीच बढ़ती दरार कांग्रेस पार्टी के भीतर चर्चा का विषय बन गई है। पिछले कुछ समय से मुरलीधरन ने थरूर पर खुलकर निशाना साधा है। उन्होंने एक सर्वेक्षण का विरोध किया जिसमें थरूर को मुख्यमंत्री पद के लिए यूडीएफ का सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बताया गया था। मुरलीधरन ने कहा, "थरूर को पहले यह तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी से हैं।"


थरूर को स्पष्ट दिशा अपनाने की सलाह

मुरलीधरन ने कहा, "अगर शशि थरूर कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें एक स्पष्ट राजनीतिक दिशा चुननी चाहिए।" उनका कहना था कि यदि थरूर पार्टी के सिद्धांतों से असहमत हैं, तो उन्हें अपनी दिशा बदलने का अधिकार है, लेकिन पार्टी की विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता।