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कांग्रेस में शशि थरूर का विवाद: क्या है रात्रिभोज का सच?

कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर के रात्रिभोज में शामिल होने के निर्णय ने एक बार फिर आंतरिक मतभेदों को उजागर किया है। पवन खेड़ा ने थरूर की उपस्थिति पर सवाल उठाए हैं, जबकि थरूर ने विपक्षी नेताओं को आमंत्रित न करने को अनुचित बताया है। इस विवाद के बीच राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विपक्षी नेताओं की मुलाकात की परंपरा को तोड़ रही है। जानें इस राजनीतिक गर्मागर्मी के पीछे की पूरी कहानी।
 

कांग्रेस में फिर से उठे मतभेद


नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी एक बार फिर आंतरिक मतभेदों के कारण चर्चा में है। इस बार वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर विवाद का केंद्र बन गए हैं। राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को आमंत्रित नहीं किया गया था।


थरूर के निमंत्रण पर उठे सवाल

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि थरूर को इस राजनीतिक स्थिति को समझना चाहिए था। उनका कहना है कि जब पार्टी के शीर्ष नेता आमंत्रित नहीं हैं, तो अन्य नेताओं को बुलाने का क्या उद्देश्य है, इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है।


खेड़ा ने कहा कि यह अजीब है कि इस तरह का निमंत्रण भेजा गया और थरूर ने इसे स्वीकार किया। किसी भी नेता को यह समझना चाहिए कि क्या खेल चल रहा है और हमें इसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए।


थरूर का स्पष्टीकरण

थरूर ने अपने निर्णय पर कायम रहते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को आमंत्रित न करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि निमंत्रण किस आधार पर दिया गया, लेकिन वह निश्चित रूप से रात्रिभोज में शामिल होंगे। हालांकि, यह सही नहीं है कि विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया।


राहुल गांधी के आरोपों के बीच राजनीतिक तनाव

यह विवाद उस समय सामने आया है जब राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मोदी सरकार विदेश से आने वाले प्रतिनिधियों से विपक्षी नेताओं की मुलाकात की परंपरा को तोड़ रही है।


सरकारी सूत्रों ने राहुल के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि जून 2024 में विपक्ष के नेता बनने के बाद से राहुल गांधी कम से कम चार विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से मिल चुके हैं, जिनमें बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल हैं।


थरूर का विवादों से पुराना नाता

थरूर का पार्टी में विवादों में रहना कोई नई बात नहीं है। पहले भी वे कई बार अपने बयानों या उपस्थितियों के कारण आलोचना का सामना कर चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने पर भी कई कांग्रेस नेताओं ने उन पर सवाल उठाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉर्ड मैकाले पर दिए भाषण के दौरान उनकी उपस्थिति और बाद में उसकी प्रशंसा करने पर भी पार्टी ने असंतोष व्यक्त किया था।