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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सरकार के कदमों का समर्थन किया

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सरकार के हालिया कदमों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और इमिग्रेशन व्यवस्था को प्रभावी ढंग से संभालना सरकार की जिम्मेदारी है। थरूर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में रहने की अनुमति देने के निर्णय को मानवीय दृष्टिकोण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
 

कहा- घुसपैठियों को बाहर निकालना सही


नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सरकार के हालिया कदमों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और इमिग्रेशन व्यवस्था को प्रभावी ढंग से संभालना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। थरूर ने यह भी कहा कि यदि भारत में घुसपैठ हो रही है या लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रहे हैं, तो यह सिस्टम की विफलता और सीमा नियंत्रण में खामियों को दर्शाता है। ऐसे लोगों को सख्ती से कानून के तहत बाहर निकालना आवश्यक है।


सरकार को नियम तोड़ने वालों पर एक्शन लेने का पूरा अधिकार

थरूर ने कहा कि यदि लोग अवैध तरीके से देश में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह हमारी नाकामी नहीं है? इसलिए, सरकार को सीमा पर और अधिक सख्ती बरतनी चाहिए। सरकार को नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।


शेख हसीना को भारत में रहने देने का फैसला इंसानी सोच दिखाता है

उन्होंने यह भी कहा कि कानून का पालन करना आवश्यक है, लेकिन बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में रहने की अनुमति देना एक मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। थरूर ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती वापस भेजना सही नहीं था, क्योंकि भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से भरोसेमंद संबंध रहे हैं।


डिर्पोटेशन या एक्सट्रैडिशन के फैसले आसान नहीं होते

किसी को देश से निकालने (डिर्पोटेशन) या किसी अन्य देश को सौंपने (एक्सट्रैडिशन) के निर्णय लेना सरल नहीं होता, क्योंकि इसमें कई कानूनी नियम और अंतरराष्ट्रीय समझौते शामिल होते हैं। बहुत कम लोग इन कानूनी पहलुओं को पूरी तरह समझते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में सरकार को सोच-समझकर निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।


किसी को सुरक्षा देना एक सही और जिम्मेदारी भरा कदम

जब तक कानूनी मामलों की जांच चल रही है, तब तक किसी को सुरक्षा प्रदान करना एक उचित और जिम्मेदार कदम है। भारत एक अच्छे मित्र की मेहमाननवाजी कर रहा है, इसलिए सरकार को पूरी जांच होने तक उसे सुरक्षित रहने देना चाहिए।