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किसान संगठनों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर लंबित मांगों का समाधान मांगा

किसान संगठनों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की मांग की है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे राज्य स्तरीय पंचायत आयोजित कर आंदोलन करेंगे। इस मुद्दे पर किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है, और वे सरकार की मनमानी के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।
 

किसानों की समस्याओं पर सरकार की अनदेखी


(चर्की दादरी समाचार) बाढड़ा। रबी सीजन में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा न मिलने, कृषि क्षेत्र में छह करोड़ रुपये जमा करने के बावजूद ट्यूबवैल कनेक्शन न मिलने, और हिसार के एचएयू में छात्रों पर लाठीचार्ज जैसी समस्याओं को लेकर किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। भाकियू ने सीएम नायबसिंह सैनी को ज्ञापन भेजकर इन लंबित मांगों का त्वरित समाधान करने की अपील की है, अन्यथा राज्य स्तरीय पंचायत आयोजित कर आंदोलन की चेतावनी दी है।


सरकार की नीतियों पर सवाल

किसान संगठनों के अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा ने कहा कि सरकार बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कई फायदे बताती है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इससे किसानों को लगभग पचास करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह देरी किसानों के हितों पर कुठाराघात है और निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की मंशा दर्शाती है।


हिसार के कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा


भाकियू ने कहा कि सरकार जनसेवा के बजाय किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बिजली दरों में वृद्धि और ट्यूबवैल कनेक्शन में देरी सरकार की मनमानी है। हिसार के कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज और उन पर झूठे मामले दर्ज करना न्यायसंगत नहीं है।


सरकार को चाहिए कि वह उपकुलपति को बर्खास्त करे और कृषि क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी को दूर करे। भाकियू ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार अपने गलत फैसले वापस नहीं लेती है, तो वे आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर कई किसान नेता भी उपस्थित थे।