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कुत्तों की वफादारी और मीडिया की भूमिका पर एक नज़र

इस लेख में कुत्तों की वफादारी और भक्तों की वफादारी के बीच के अंतर को उजागर किया गया है। साथ ही, मीडिया की भूमिका और अभिव्यक्ति की आजादी के दुरुपयोग पर भी चर्चा की गई है। क्या कुत्तों की पहचान केवल काटने तक सीमित है? क्या मीडिया केवल नकारात्मक घटनाओं को ही दिखाता है? जानिए इस लेख में।
 

कुत्तों की वफादारी बनाम भक्तों की वफादारी

इस समय अंधभक्त और सत्ता द्वारा नियुक्त अधिकारियों की वफादारी कुत्तों से भी आगे निकल चुकी है। हालांकि, कुत्तों की वफादारी निस्वार्थ होती है, जबकि भक्तों की वफादारी की एक निश्चित कीमत होती है। कुत्ते बिना किसी कारण के किसी को परेशान नहीं करते, जबकि भक्त अक्सर किसी की जान लेकर कारण गढ़ते हैं।


मीडिया की भूमिका

वर्तमान में कुत्ते समाचारों में छाए हुए हैं। हमारे देश में, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में, समाचारों का होना एक बड़ी उपलब्धि है। समाचार चैनलों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन वास्तविक समाचार गायब होते जा रहे हैं। इन चैनलों पर एंकरों की हरकतें और भाषा देखकर तो कुत्ते भी 'भिंगी बिल्ली' जैसे लगते हैं।


अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग

सत्ता और न्याय के ठेकेदार मीडिया के भौंकने और काटने को अभिव्यक्ति की आजादी मानते हैं। इस तथाकथित आजादी के कारण कितनी हत्याएं हुईं, कितनी मोब-लिंचिंग हुई, और कितने लोगों को धमकियां दी गईं, इसका कोई आकलन नहीं किया जाता।


कुत्तों की पहचान

सर्वोच्च न्यायालय में कुत्तों पर बहस के दौरान, सत्ता के समर्थक इस तरह दलील दे रहे थे जैसे केवल कुत्ते ही इंसानों को काटते हैं। महाधिवक्ता का कहना था कि मांस खाने वाले पशुप्रेमी नहीं हो सकते। यह बयान हास्यास्पद है, क्योंकि शाकाहारी भी किसी न किसी पौधे की पूजा करते हैं।


कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण

मोहन भागवत सहित कई लोग कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण की बात कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि केवल कुत्तों की संख्या ही क्यों नियंत्रित की जाए? क्या किसी शहर ने यह आकलन किया है कि उसमें अधिकतम कितने लोग रह सकते हैं?


कुत्तों की सामाजिक भूमिका

सड़क पर घूमते कुत्तों की समस्या सामाजिक नहीं है, वरना उनके समर्थन में इतनी आवाजें नहीं उठतीं। मीडिया कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं दिखाती है, लेकिन जब कुत्ते लोगों की जान बचाते हैं, तब ऐसी खबरें गायब हो जाती हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में एक कुत्ते ने 67 लोगों की जान बचाई थी।