कृत्रिम बुद्धिमत्ता से खुफिया दस्तावेजों की स्कैनिंग में तेजी
अमेरिकी खुफिया प्रमुख का बयान
वाशिंगटन में आयोजित अमेजन वेब सर्विसेज समिट में, अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संवेदनशील दस्तावेजों की स्कैनिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गबार्ड ने सम्मेलन में कहा कि यदि जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए, तो AI अमेरिकी खुफिया सेवाओं के कार्यों को तेज कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि खुफिया अधिकारियों को सूचनाओं के संग्रह और विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है, जिससे वित्तीय संसाधनों की भी बचत होती है। यह बयान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी और उनके भाई, न्यूयॉर्क सीनेटर रॉबर्ट एफ. केनेडी की हत्या से संबंधित हजारों गोपनीय दस्तावेजों के सार्वजनिक किए जाने के कुछ महीनों बाद आया है।
AI से दस्तावेजों की स्कैनिंग में सुधार
AI से तेज हुई दस्तावेज स्कैनिंग
गबार्ड ने खुफिया कार्यों की धीमी गति को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि AI मानव संसाधन कार्यक्रमों को भी संचालित कर सकती है। उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से कहा, "AI टूल्स के उपयोग से हमने यह कार्य पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से किया है, जब हर पृष्ठ को इंसानों द्वारा जांचा जाता था।" गबार्ड ने बताया कि AI संवेदनशील दस्तावेजों की स्कैनिंग को तेज करती है, जिससे उनकी गोपनीयता हटाने की प्रक्रिया में मदद मिलती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रक्रिया कभी-कभी महीनों या वर्षों तक चल सकती है। गबार्ड ने कहा कि AI यह निर्धारित करने में भी सहायक है कि दस्तावेजों में ऐसी सामग्री है या नहीं, जिसे गोपनीय रखना चाहिए।
निजी क्षेत्र की तकनीक का महत्व
निजी क्षेत्र की तकनीक पर जोर
खुफिया प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, गबार्ड ने अमेरिकी जासूसी सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। निजी क्षेत्र की तकनीक के उपयोग पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि खुफिया समुदाय पहले से ही इसका उपयोग कर रहा है, और वह इस सहयोग को और बढ़ाना चाहती हैं। गबार्ड का यह बयान AI और निजी तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।