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कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव: किसानों के लिए नई संभावनाएं

भारत सरकार खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का तेजी से उपयोग कर रही है, जिससे किसान मौसम, बुआई, और कीट नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। AI आधारित मौसम पूर्वानुमान और किसान ई मित्र जैसे डिजिटल सहायक किसानों के निर्णयों में सुधार कर रहे हैं। इस लेख में जानें कि कैसे AI तकनीक कृषि में बदलाव ला रही है और किसानों के लिए नई संभावनाएं पैदा कर रही है।
 

AI तकनीकों का कृषि में उपयोग

भारत सरकार खेती को अधिक वैज्ञानिक और सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का तेजी से उपयोग कर रही है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, AI की सहायता से किसान अब मौसम, बुआई, कीट नियंत्रण, फसल निगरानी और सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी तेज, स्थानीय और अधिक विश्वसनीय तरीके से प्राप्त कर सकते हैं।


AI का महत्व खेती में

भारत में कृषि अब केवल अनुभव पर निर्भर नहीं रह गई है। जलवायु परिवर्तन, अनियमित वर्षा और बढ़ती लागत के कारण डेटा आधारित निर्णय लेना आवश्यक हो गया है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि AI तकनीक किसानों के जोखिम को कम करती है, उत्पादन की योजना को बेहतर बनाती है और बाजार से जुड़ाव को मजबूत करती है।


AI आधारित मौसम पूर्वानुमान के लाभ

राज्यसभा में सरकार ने बताया कि खरीफ 2025 के लिए 13 राज्यों के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय मॉनसून आगमन का अनुमान लगाने के लिए AI पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है।


AI मॉडल की विशेषताएँ

इस परियोजना में IMD के 125 वर्षों के वर्षा आंकड़ों, NeuralGCM और ECMWF के AI सिस्टम और ओपन सोर्स तकनीक का उपयोग किया गया है। यह मॉडल खेत स्तर पर मौसम की जानकारी प्रदान करता है, जिससे बुआई का सही समय निर्धारित करना आसान होता है।


किसानों तक पहुंची जानकारी

सरकार के अनुसार, इस AI पूर्वानुमान को एम किसान पोर्टल के माध्यम से 3 करोड़ 88 लाख से अधिक किसानों तक एसएमएस द्वारा भेजा गया। संदेश हिंदी, मराठी, ओड़िया, बांग्ला और पंजाबी भाषाओं में भेजे गए ताकि जानकारी स्थानीय स्तर पर समझ में आए।


किसानों के निर्णयों पर प्रभाव

पूर्वानुमान के बाद मध्य प्रदेश और बिहार में किसानों से प्रतिक्रिया ली गई। सर्वे में पाया गया कि 31 से 52 प्रतिशत किसानों ने बुआई और खेत की तैयारी का समय बदला है। कुछ किसानों ने फसल और बीज चयन में भी बदलाव किया।


किसान ई मित्र: डिजिटल सहायक

सरकार ने बताया कि किसान ई मित्र नाम का वॉइस आधारित AI चैटबॉट किसानों के लिए डिजिटल साथी के रूप में कार्य कर रहा है। यह 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और अब तक 93 लाख से अधिक सवालों का समाधान कर चुका है।


कीट निगरानी प्रणाली

जलवायु परिवर्तन के कारण कीट प्रकोप बढ़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने AI आधारित नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम विकसित किया है, जो मोबाइल से कीट की फोटो लेकर पहचान करता है और तुरंत समाधान की सलाह देता है।


फसल मैपिंग में AI का योगदान

AI की मदद से यह विश्लेषण किया जा रहा है कि कौन सी फसल कितने क्षेत्र में बोई गई है, उसकी बढ़त कैसी है और मौसम का उस पर क्या असर है। इससे फसल जोखिम प्रबंधन और योजना निर्माण में मदद मिल रही है।


कृषि सप्लाई चेन में AI की भूमिका

लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, AI तकनीक भंडारण योजना, परिवहन की दक्षता, मंडी में कीमत अनुमान और मांग-आपूर्ति संतुलन जैसी समस्याओं को कम कर रही है।


AI का महत्व

AI का यह विस्तार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि खेती अब अधिक अनिश्चित हो गई है। गलत फैसलों का सीधा असर आय पर पड़ता है, और तकनीक से खेती को टिकाऊ बनाया जा सकता है।


भविष्य की योजनाएँ

सरकार का ध्यान AI सिस्टम को और अधिक राज्यों तक पहुंचाने, स्थानीय भाषाओं में सेवाएं बढ़ाने और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी मजबूत करने पर है। इससे खेती को अधिक सुरक्षित और लाभकारी बनाने की उम्मीद है।