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केंद्र सरकार का चंडीगढ़ पर पंजाब से अधिकार छीनने का प्रयास: परगट सिंह

पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए 131वें संविधान संशोधन का विरोध किया है, जो चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन पंजाब की राजधानी पर एक गैर-संवैधानिक हमला है। सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर इस मुद्दे का विरोध करना चाहिए। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और परगट सिंह के आरोपों के बारे में।
 

केंद्र सरकार के 131वें संशोधन का विरोध


पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक परगट सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जा रहे 131वें संशोधन का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह संशोधन भाजपा के चंडीगढ़ को पंजाब से पूरी तरह अलग करने के उद्देश्य को स्पष्ट करता है। इसके तहत, चंडीगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की योजना है। वर्तमान में, चंडीगढ़ के प्रशासक की शक्तियां राज्यपाल के पास हैं, लेकिन इस संशोधन के बाद ये शक्तियां एक नए प्रशासक को सौंप दी जाएंगी।


राजनीतिक एकता की आवश्यकता

परगट सिंह ने कहा कि इस 131वें संविधान संशोधन के माध्यम से चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करके एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इस मुद्दे का विरोध करने की अपील की। उनका मानना है कि केंद्र सरकार को इस संशोधन को पंजाब के हित में रोकना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस एजेंडे को कई वर्षों से आगे बढ़ा रही है।


पंजाब की राजधानी पर हमला

परगट सिंह ने कहा कि यह संशोधन पंजाब की राजधानी पर एक स्पष्ट और गैर-संवैधानिक हमला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब के अधिकारों और पहचान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान की चुप्पी को इस बात का प्रमाण बताया कि पंजाब सरकार ने केंद्र के हाथों अपनी पहचान को बेच दिया है। परगट सिंह ने चेतावनी दी कि चंडीगढ़ पंजाब के लिए बनाया गया था और यह पंजाब का अधिकार है।


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