केंद्र सरकार के नए बिल: जेल में रहते मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं रह सकेंगे
केंद्र सरकार का नया विधेयक
नई दिल्ली। अब कोई मुख्यमंत्री जेल में रहते हुए अपनी पदवी नहीं रख सकेगा, न ही मंत्री के रूप में कार्य कर पाएगा। केंद्र सरकार ने इस दिशा में तीन नए विधेयक पेश किए हैं। यदि ये विधेयक पारित होते हैं, तो गंभीर अपराधों के मामलों में मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार होने या 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर अपने पद से इस्तीफा देना होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इन विधेयकों को पेश किया और बाद में इन्हें संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया।
संविधान में संशोधन
गृह मंत्री ने संविधान के 130वें संशोधन विधेयक के साथ केंद्र शासित प्रदेशों और जम्मू-कश्मीर के लिए दो अलग विधेयक भी प्रस्तुत किए। इनमें यह प्रावधान है कि यदि किसी मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री या प्रधानमंत्री को गंभीर अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, और उसे 30 दिनों तक जमानत नहीं मिलती, तो उसे कानूनी रूप से पद से हटा दिया जाएगा। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
विपक्ष का विरोध
जब अमित शाह ने विधेयक पेश किया, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसका विरोध किया, यह कहते हुए कि यह विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है। बाद में, लोकसभा में अमित शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने मंजूर कर लिया। ये विधेयक अलग-अलग इसलिए लाए गए हैं क्योंकि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के नेताओं के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं।
संविधान में आवश्यक संशोधन
संविधान का 130वां संशोधन विधेयक केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होगा। केंद्र ने बताया कि संविधान में किसी मंत्री को हटाने का प्रावधान नहीं है, जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो। इसलिए, ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है।
केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नया ढांचा
दूसरा विधेयक गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 है, जो केंद्र शासित प्रदेशों के लिए है। इस संशोधन के जरिए केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा। इसी तरह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 के माध्यम से गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिनों में हटाने का प्रावधान होगा।
पद पर रहते हुए गिरफ्तारी का मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 156 दिन जेल में रहे थे, जबकि तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी 241 दिनों तक हिरासत में रहे, लेकिन दोनों ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। केजरीवाल पहले मुख्यमंत्री थे जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था।