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केरल विधानसभा चुनाव: भाजपा और कांग्रेस के बीच लापता नेताओं की राजनीति

केरल में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के बीच लापता नेताओं की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी पर आरोप लगाया है कि वे क्षेत्र में अनुपस्थित हैं, जबकि भाजपा ने प्रियंका गांधी के लापता होने का मुद्दा उठाया है। दोनों दल एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल और भी गरमाता जा रहा है। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
 

केरल में चुनावी हलचल

केरल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके चलते राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों को सक्रिय करना शुरू कर दिया है। भाजपा ने सत्ताधारी लेफ्ट मोर्चा को छोड़कर कांग्रेस पर हमले की योजना बनाई है। इसी क्रम में, कांग्रेस ने भाजपा पर भी जोरदार हमले किए हैं।


कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि त्रिशूर के सांसद और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी क्षेत्र में अनुपस्थित हैं। पार्टी ने उनकी तस्वीरें सार्वजनिक स्थानों पर लगाई हैं और उन्हें खोजने वालों के लिए इनाम की घोषणा की है। कांग्रेस का कहना है कि गोपी पिछले तीन महीनों से क्षेत्र में नहीं दिखे हैं। इसके अलावा, कांग्रेस ने गोपी के चुनावी हलफनामे को लेकर एक आधिकारिक शिकायत भी दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने त्रिशूर के मतदाता बनने के लिए झूठ बोला।


भाजपा का पलटवार

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए, भाजपा ने वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के लापता होने के पोस्टर लगाए हैं। भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि प्रियंका उप चुनाव के दौरान प्रचार करने आई थीं, लेकिन उसके बाद गायब हो गईं।


भाजपा का कहना है कि वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों से भी प्रियंका ने मिलने का प्रयास नहीं किया है। केरल भाजपा के एसटी मोर्चा के मुकुंदन कुमुंदन ने प्रियंका के खिलाफ मोर्चा खोला है, यह कहते हुए कि वायनाड में बड़ी संख्या में एसटी समुदाय है और प्रियंका उनकी स्थिति की जानकारी नहीं ले रही हैं। उनका आरोप है कि प्रियंका भी पिछले तीन महीनों से लापता हैं। इस प्रकार, दोनों दलों के बीच लापता नेताओं की राजनीति चल रही है।