क्या 2026 में भारत-पाकिस्तान के बीच होगा नया संघर्ष? जानें रिपोर्ट में क्या कहा गया है
सुरक्षा स्थिति पर चिंता
नई दिल्ली: अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट ने दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। इस रिपोर्ट में, जो अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है, कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव 2026 में एक बार फिर सशस्त्र संघर्ष का कारण बन सकता है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) ने इसे 'मध्यम संभावना' वाला खतरा बताया है, जिसका प्रभाव अमेरिकी हितों पर भी मध्यम स्तर का हो सकता है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव
सीएफआर की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक '2026 में देखने लायक संघर्ष' है, में कहा गया है कि सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि दोनों देशों को फिर से आमने-सामने ला सकती है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच का पुराना विवाद अभी तक हल नहीं हुआ है, और आतंकवादी घटनाएं स्थिति को और भी बिगाड़ सकती हैं।
मई में हुआ सैन्य टकराव
रिपोर्ट में मई में हुए चार दिवसीय सैन्य टकराव का विशेष उल्लेख किया गया है, जिसमें दोनों देशों ने ड्रोन और मिसाइल हमलों का सहारा लिया था। यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में 22 नागरिकों की हत्या की, जिसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया।
युद्धविराम के बावजूद तनाव
हालांकि इस टकराव के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की थी, लेकिन उसके नेताओं के भड़काऊ बयानों ने तनाव को पूरी तरह समाप्त नहीं होने दिया। जम्मू-कश्मीर में उसके बाद कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ, लेकिन खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सर्दियों के दौरान जम्मू क्षेत्र में 30 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय थे।
सैन्य तैयारियों में वृद्धि
युद्धविराम के बावजूद, दोनों देशों ने अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है। भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में ड्रोन, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और गाइडेड बमों की खरीद के लिए लगभग 79,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। वहीं, पाकिस्तान भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सामने आई कमजोरियों को दूर करने के लिए तुर्की और चीन से नए ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर बातचीत कर रहा है।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनाव
सीएफआर की रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान के अलावा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संभावित संघर्ष की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में इन दोनों देशों के बीच भी सशस्त्र टकराव की मध्यम संभावना है, हालांकि इसका अमेरिकी हितों पर प्रभाव कम रहने की संभावना है।
डूरंड रेखा पर झड़पें
अक्टूबर की शुरुआत में पाकिस्तान और तालिबान शासित अफगानिस्तान के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी डूरंड रेखा पर भीषण झड़पें हुई थीं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई स्थानों पर गोलीबारी हुई, जिससे सीमा चौकियों को नुकसान पहुंचा। इसके बाद से दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों में खटास आ गई और द्विपक्षीय व्यापार भी प्रभावित हुआ, जिसका अधिकतर नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ा।
रिपोर्ट का उद्देश्य
सीएफआर की इस रिपोर्ट का उद्देश्य अमेरिकी नीति निर्माताओं को संभावित संघर्ष क्षेत्रों के बारे में जागरूक करना है। रिपोर्ट में संघर्षों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, ताकि यह आकलन किया जा सके कि वे सशस्त्र टकराव में बदल सकते हैं या नहीं और उनका अमेरिकी हितों पर कितना प्रभाव पड़ेगा। कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में दक्षिण एशिया में अस्थिरता के संकेत देती है, जिस पर वैश्विक नजर बनी रहना तय है।