क्या H-1B वीजा पर मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी सही है? किरेन रिजिजू का जवाब
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान
Kiren Rijiju Responds to Mallikarjun Kharge: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उस टिप्पणी का उत्तर दिया, जिसमें उन्होंने ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीजा के संबंध में उठाए गए कदमों पर सवाल उठाया था। रिजिजू ने कहा कि राजनीति एक अलग विषय है, लेकिन जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है, तो सभी को एकजुट होकर भारत के पक्ष में खड़ा होना चाहिए। इस मुद्दे पर पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी अपनी राय दी, जिसमें उन्होंने कहा कि ट्रंप के निर्णयों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री मोदी को दोषी ठहराना चाहिए।
खरगे की टिप्पणी पर चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्रंप प्रशासन के H-1B वीजा से संबंधित फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच की दोस्ती पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि 'गले मिलना' और 'खोखले नारे' विदेश नीति नहीं होते। उनका मानना है कि विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
कंवल सिब्बल की प्रतिक्रिया
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने खरगे की टिप्पणी का उत्तर देते हुए कहा कि विदेश नीति में भारत के खिलाफ हो रही विदेशी दादागिरी को उजागर करना आवश्यक है, न कि ट्रंप के निर्णयों को मोदी पर थोपना। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की तुलना में भारत ने ट्रंप के साथ किसी व्यापारिक सौदे का सहारा नहीं लिया है, और भारतीय विदेश नीति का मार्गदर्शन हमारे राष्ट्रीय हितों द्वारा किया जाता है।
रिजिजू का समर्थन
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कंवल सिब्बल के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि राजनीति के लिए अलग समय होता है, लेकिन जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है, तो सभी को एकजुट होकर देश के पक्ष में बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिब्बल का दृष्टिकोण पूरी तरह से सही है और यह समय की आवश्यकता है कि भारत अपनी एकता बनाए रखे, खासकर जब विदेशी दबाव आ रहा हो।
H-1B वीजा पर ट्रंप प्रशासन का नया कदम
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की है, जिसमें वीजा शुल्क में भारी वृद्धि की गई है। इस कदम का सबसे अधिक प्रभाव भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों पर पड़ेगा, क्योंकि H-1B वीजा का उपयोग सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक करते हैं। इस प्रकार, इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र प्रतिक्रिया और बहस जारी है।