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क्या SSC परीक्षा में गड़बड़ी से युवाओं का भविष्य खतरे में है? मनीष सिसोदिया की चेतावनी

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एसएससी परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने शिक्षकों से मुलाकात के दौरान बताया कि परीक्षा केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है और छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सिसोदिया ने 13 अगस्त से शुरू होने वाली सीजीएल परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है और कहा कि सरकार को इस अयोग्य कंपनी को हटाकर योग्य कंपनी को नियुक्त करना चाहिए। जानें इस मुद्दे पर उनकी प्रमुख मांगें और छात्रों की परेशानियों के बारे में।
 

मनीष सिसोदिया की शिक्षकों से मुलाकात

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को देशभर से आए एसएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले शिक्षकों से बातचीत की। इस मुलाकात में शिक्षकों ने सिसोदिया को एसएससी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों और अव्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर 70 लाख युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि 13 अगस्त से शुरू होने वाली एसएससी-सीजीएल परीक्षा को तुरंत स्थगित किया जाए।


केंद्र सरकार पर मनीष सिसोदिया का तंज

केंद्र सरकार पर मनीष सिसोदिया का तंज


सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार को उन कंपनियों को परीक्षा संचालन का जिम्मा नहीं देना चाहिए, जिन पर पहले से गंभीर घोटालों के आरोप हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कंपनी के माध्यम से एसएससी परीक्षाएं कराई जा रही हैं, वह न केवल व्यापम घोटाले में शामिल रही है, बल्कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कई अनियमितताओं में फंसी रही है। इसके बावजूद उसी कंपनी को परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी देना न केवल चौंकाने वाला है बल्कि खतरनाक भी है।


परीक्षा केंद्रों की स्थिति पर चिंता

सिसोदिया ने कहा कि हाल के कुछ हफ्तों में देश के विभिन्न हिस्सों से परीक्षा केंद्रों की दुर्दशा और छात्रों की परेशानियों की खबरें आई हैं। कहीं परीक्षा तबेलों में कराई जा रही है तो कहीं निजी मकानों को केंद्र बना दिया गया है। गाजियाबाद के एक वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक अभ्यर्थी को परीक्षा के दौरान उसी कमरे में निरीक्षक बना दिया गया, जिसमें वह परीक्षा देने आया था। यह पूरी व्यवस्था मजाक बन गई है।


सिसोदिया की प्रमुख मांगें

सिसोदिया ने दो प्रमुख मांगें रखीं: पहली, 13 अगस्त से शुरू होने वाली सीजीएल परीक्षा को तुरंत स्थगित किया जाए, क्योंकि इसमें 30 लाख से अधिक छात्र शामिल होने जा रहे हैं। दूसरी, जो परीक्षाएं पहले से हो चुकी हैं, उन्हें रद्द करके दोबारा कराया जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे।


छात्रों की मेहनत और परीक्षा की चुनौतियाँ

उन्होंने कहा कि एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्र दो-तीन साल तक दिन-रात मेहनत करते हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से होते हैं। कई छात्र कोचिंग की भारी-भरकम फीस खुद ट्यूशन पढ़ाकर भरते हैं। ऐसे में यदि परीक्षा केंद्र 500-700 किलोमीटर दूर बना दिए जाएं या तकनीकी सुविधाएं खराब हों, तो उनके सपनों को गहरी चोट पहुंचती है।


सिसोदिया का सवाल

सिसोदिया ने कहा कि इस बार स्थिति यह हो गई है कि जयपुर के छात्र को अंडमान, बिहार के छात्र को केरल और पंजाब के अभ्यर्थी को तमिलनाडु भेजा गया है। क्या यही व्यवस्था है? क्या ऐसे केंद्र तय करने वाली कंपनी के पास कोई तर्क है या यह सिर्फ पैसे कमाने की स्कीम है?


गलत प्रश्न और तकनीकी समस्याएँ

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परीक्षाओं में पूछे गए कई प्रश्न गलत थे। माउस तक काम नहीं कर रहे थे। यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं, बल्कि एक संगठित भ्रष्टाचार की तरह दिखता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र सरकार यह साबित करना चाहती है कि उसके पास 70 लाख छात्रों की परीक्षा कराने की भी क्षमता नहीं है?


युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न करने की अपील

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न करे सरकार


सिसोदिया ने आगे कहा कि सरकार जो भी राजनीतिक एजेंडा चलाना चाहती है, वह चलाए, लेकिन युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न करे। यह बच्चे विपक्षी दलों के सदस्य नहीं हैं, बल्कि अपने भविष्य की तलाश में दिन-रात पढ़ाई कर रहे देश के मेहनती नागरिक हैं। अगर सरकार इन्हें तबेलों में बैठाकर खराब सिस्टम के तहत परीक्षा दिलवाएगी, तो सवाल उठेगा कि प्रशासन कितना सक्षम है?


सरकार से उचित कदम उठाने की मांग

उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को तत्काल इस अयोग्य कंपनी को हटाना चाहिए और उसकी जगह ऐसी कंपनी को नियुक्त करना चाहिए जो तकनीकी रूप से सक्षम हो, जिनके पास संसाधन हों और जो पेशेवर ढंग से परीक्षाएं आयोजित कर सके। भारत में कई उच्च स्तरीय परीक्षा एजेंसियां मौजूद हैं, उन्हें जिम्मेदारी दी जा सकती है।


छात्रों के विरोध पर प्रतिक्रिया

सिसोदिया ने यह भी जोड़ा कि जब छात्रों ने विरोध किया और अपनी मांगें उठाईं, तो उनके साथ अभद्रता हुई और कई जगह पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष से जैसा व्यवहार हो रहा है, वह अलग मुद्दा है, लेकिन देश के युवाओं को इस तरह अपमानित करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


अंतिम अपील

अंत में उन्होंने दोहराया कि सरकार को 13 अगस्त की परीक्षा स्थगित करनी चाहिए और पहले हुई परीक्षाएं दोबारा करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि देश के भविष्य का सवाल है और इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।