क्या अमेरिका के जनरल की पाकिस्तान की तारीफ भारत के लिए चिंता का विषय है?
पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सहयोगी मानते हैं अमेरिकी जनरल
अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने हाल ही में कांग्रेस के समक्ष पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया है, जिससे भारत में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों की प्रशंसा
पाकिस्तान की कार्रवाइयों की सराहना
जनरल कुरिल्ला ने आईएसआईएस-खोरासन के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाइयों की सराहना की और कहा कि इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर कई ऑपरेशन चलाकर आतंकवादियों को निशाना बनाया है। उन्होंने बताया कि इन अभियानों के दौरान पाकिस्तानी बलों ने आईएसआईएस के कई शीर्ष आतंकियों को पकड़ा, जिनमें काबुल एयरपोर्ट आत्मघाती हमले का आरोपी शरीफुल्लाह उर्फ ज़फर भी शामिल है। कुरिल्ला ने कहा कि इस गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका को उसकी प्रत्यर्पण की पेशकश की थी।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने जताई असहमति
भारत ने इस बयान पर असहमति जताई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि आतंक के पीड़ितों और उसके अपराधियों की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद के प्रति अपनी 'शून्य सहिष्णुता' की नीति से पीछे नहीं हटेगा और यदि जरूरत पड़ी तो सीमा पार कार्रवाई करने से भी नहीं चूकेगा।
पाकिस्तान के पक्ष में आए अमेरिकी बयान के बावजूद, भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने का अभियान तेज कर दिया है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और जिस तरह ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में सुरक्षित था, वह सबक दुनिया को नहीं भूलना चाहिए।