क्या असम के इतिहास पर पीएम मोदी का बयान सही है? कांग्रेस ने किया पलटवार
सियासी टकराव की नई लहर
नई दिल्ली: असम के ऐतिहासिक संदर्भ में कांग्रेस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रविवार को विवाद और बढ़ गया। गुवाहाटी में पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस ने इसे तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और चुनावी राजनीति का हिस्सा करार दिया।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर आरोप
गुवाहाटी में एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी से पहले कांग्रेस ने मुस्लिम लीग और ब्रिटिश शासन के साथ मिलकर असम को अविभाजित बंगाल या पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने की योजना बनाई थी। उन्होंने इसे "ऐतिहासिक पाप" बताते हुए कहा कि यदि यह योजना सफल होती, तो असम भारत से अलग हो सकता था।
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के दावों को ऐतिहासिक रूप से गलत और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि असम को पाकिस्तान को सौंपने का कोई प्रस्ताव नहीं था।
इतिहास की सच्चाई
टैगोर ने बताया कि विभाजन के समय असम एक हिंदू बहुल प्रांत था और इसे पाकिस्तान में शामिल करने की कोई योजना नहीं थी। विवाद केवल सिलहट जिले को लेकर था, जहां जुलाई 1947 में जनमत संग्रह कराया गया था, जिसमें बहुमत ने पूर्वी बंगाल में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया।
गोपीनाथ बोरदोलोई का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की प्रशंसा की, यह कहते हुए कि उन्होंने कांग्रेस का विरोध कर असम को भारत से अलग होने से बचाया। टैगोर ने कहा कि बोरदोलोई का योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना गलत है।
कांग्रेस का विभाजन से कोई संबंध नहीं
टैगोर ने कहा कि भारत का विभाजन ब्रिटिश सरकार की जल्दबाजी और मुस्लिम लीग की मांगों का परिणाम था। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी एक जटिल इतिहास को चुनावी नारे में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव
पीएम मोदी ने बांग्लादेश की स्थिति का जिक्र करते हुए इसे असम में घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव से जोड़ा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है, जिससे असम की सुरक्षा और पहचान को खतरा हो रहा है।
राजनीतिक बयानबाजी का बढ़ता ताप
कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पीएम मोदी जनता को भ्रमित कर रहे हैं। यह विवाद आगामी चुनावों से पहले असम की राजनीति में और तीखापन लाने का संकेत दे रहा है।